उदयपुर | महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौधोगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के संघटक महाविद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष शिविरों का आयोजन किया गया, जिसके तहत आज करीब 300 छात्र-छात्राओं को माननीय कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने ‘‘विकसित भारत में सामाजिक परिवर्तन में युवाओं की भूमिका‘‘ पर अपने वक्तव्य से छात्र-छात्राओं से संवाद किया। उन्होंने मुख्य वक्ता के रूप में अपने वक्तव्य में कहा कि जमीन, जंगल, जन्तु, जनता, जनार्दन को जागरूक, शिक्षित और व्यवहारिक शिक्षा से युवा ही साक्षात करवा सकता है। युवाओं में निहीत ऊर्जा शक्ति का संचार राष्ट्र को विकसित बनाने में अहम भूमिका का निर्वहन करेगी। आगामी वर्षो में राष्ट्र की प्रगति युवाओं पर ही निर्भर है। उन्हौंने विवेकानन्द के बारे में समझाते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों से आव्हान किया कि आपका अदम्य साहस के साथ राष्ट्र के हितार्थ कार्य करना जिसमें - राष्ट्र को साफ-सुथरा रखना, जल संरक्षण, जमीन संरक्षण, जंगल (वन क्षैत्र) जन्तु का बचाव अति आवश्यक है। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया एवं छात्र कल्याण अधिकारी एवं समन्वयक - राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ. मनोज कुमार महला ने मुख्य अतिथि वक्ता माननीय कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक का शॉल, उपरणा एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
विशिष्ठ अतिथि अधिष्ठाता, सीटीएई ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयं सेवकों से कहा कि राष्ट्र की उन्नति के लिए युवाओं की भागीदारी पूर्ण उत्साह एवं उमंग के साथ होना अति आवश्यक है, क्योंकि राष्ट्र के निर्माण में युवाओं का योगदान विविध क्रियाकलापों के द्वारा प्रदर्शित होता है। उनकी राष्ट्र के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ाया जाना अति आवश्यक है। युवा ही भविष्य के राष्ट्र के निर्माता है। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि अधिष्ठाता, सामुदायिक विज्ञान एवं व्यवहार महाविद्यालय की डॉ. धृति सौलंकी, डॉ. लोकेश गुप्ता, डॉ. आर. एल. सोना, निदेशक, विस्तार शिक्षा निदेशालय, डॉ. अनुपम भट्नागर, स्कोन ट्रस्ट के श्री मदनदास, डॉ. एस. एल. मीणा, डॉ. मोनिका राय, श्रीमति कुसुम मेघवाल, डॉ. विनोद यादव, डॉ. विवेक, डॉ. विक्रम, श्री सोम शेखर व्यास, डॉ. केवल चन्द अदि मौजूद थे। समारोह का संचालन एडीएसडब्ल्यु डॉ. विक्रमा दित्य दवे ने किया और डॉ. रणवीर सिंह शेखावत ने अतिथियों एवं छात्र-छात्राओं का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।