(mohsina bano)
डॉ. गायत्री तिवारी, सेवानिवृत्त प्रोफेसर, मानव विकास और परिवार अध्ययन विभाग, एम.पी.यू.ए.टी., एवं डॉ. वी. कविता किरण, सहायक प्रोफेसर, पी.जे.टी.एस.ए.यू., तेलंगाना को "पैरेंट चाइल्ड डायडिक सिंक्रोनी (एल.ए.पी.सी.डी.एस.) के प्रयोगशाला मूल्यांकन" के विकास हेतु भारत सरकार द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के तहत कॉपीराइट प्रदान किया गया है।
इस शोध के अंतर्गत माता-पिता और बालक के संवादात्मक व्यवहार का आकलन करने के लिए डायडिक सिंक्रोनी इन्वेंटरी विकसित की गई। इस मूल्यांकन में तीन खंड शामिल हैं:
यह मूल्यांकन माता-पिता को पालन-पोषण संबंधी मार्गदर्शन प्रदान करेगा, जो बालक के मानसिक विकास और मनोवैज्ञानिक स्थिरता पर स्थायी सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।