महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय में अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए छ: दिवसीय कार्यानुभव ग्रामीण जागरूकता अभिविन्यास कार्यक्रम दिनांक 13 से 18 जनवरी 2025 तक आयोजित किया गया | कार्यक्रम के अंतिम दिन मुख्य अतिथि डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक, कुलपति, म. प्र. कृ. प्रौ. विश्वविद्यालय एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. एस. के. शर्मा, अतिरिक्त महानिदेशक, आईसीएआर, नई दिल्ली थे | मुख्य अतिथि डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक, कुलपति, म. प्र. कृ. प्रौ. विश्वविद्यालय ने अंतिम वर्ष के छात्रों को कृषक परिवारों के साथ कार्य करने हेतु मार्गदर्शन दिया और उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती विषय को पहली बार रावे प्रोग्राम में लिया गया है | विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा कृषि एवं संबंधित विषयों पर उन्नत तकनीकियाँ विकसित की गई है इन्हें कृषक परिवारों के घर-घर तक पहुंचाने का कार्य करें | कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथि डॉ. एस. के शर्मा द्वारा जैव विविधता संरक्षण और टिकाऊ फसल उत्पादन चक्र के लिए प्राकृतिक खेती पर विशेष वार्ता रखी गई | जिसमें उन्होंने छात्रों को प्राकृतिक खेती एवं जैविक खेती के अंतर को समझाया और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्राकृतिक खेती के फायदे बताएं | उन्होंने कहा कि कम खर्च में किसान मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। प्राकृतिक खेती को केरियर के रूप अपनाने हेतु छात्रों को प्रेरित किया | कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन डॉ. धृति सोलंकी, अधिष्ठाता सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय किया गया | डॉ. धृति सोलंकी, अधिष्ठाता ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक वर्ष कृषि विज्ञान केन्द्रों में 10 सप्ताह का कार्यानुभव ग्रामीण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाता है इस बार अंतिम वर्ष के छात्र चितौड़गढ़ एवं वल्लभनगर में जायेगे | जहां वे किसान परिवारों के साथ अपने अनुभव साझा करेंगे एवं कृषि तकनीकियों को किसानों तक पहुंचाएंगे और किसानों के अनुभवों को स्वयं भी अर्जित करेंगे | विगत पांच दिन से डॉ. लतिका व्यास, प्रोफेसर प्रसार शिक्षा निदेशालय के मार्गदर्शन में छात्र कृषि विज्ञान केन्द्रों पर कार्य की रुपरेखा के बारे में जानकारी ले रहे है | कार्यक्रम का संचालन डॉ. विशाखा बंसल, कार्यक्रम समन्वक द्वारा किया गया | कार्यक्रम में आर. एल सोनी, निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ. आर. ए. कौशिक, निर्देशन आवासीय निर्देशन, डॉ वीरेंद्र नेपालीया, विशेषाधिकारी, डॉ. रेखा व्यास, एमेरिट्स वैज्ञानिक और सभी विभागाध्यक्ष डॉ. हेमू राठौर, डॉ. सुमन औदिच्य, डॉ. राजश्री उपाध्याय, डॉ. रेणु मोगरा, डॉ. विशाखा सिंह उपस्थित थे | कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रूपल बाबेल द्वारा दिया गया |