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एमपीयूएटी का बहुरंगी-बहुपयोगी कैलेण्डर का विमोचन

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11 Jan 25
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एमपीयूएटी का बहुरंगी-बहुपयोगी कैलेण्डर का विमोचन

उदयपुर, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के के अधीन प्रसार शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रकाशित वर्ष-2025 के बहुरंगी व बहुपयोगी कैलेण्डर का विमोचन शुक्रवार को कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने किया। इस मौके पर कुलपति ने कहा कि यह कैलेण्डर वर्षपर्यन्त न केवल किसानों वरन पशुपालकों के लिए भी प्रामाणिक जानकारी देने वाला अहम दस्तावेज साबित होगा। इस बार का कैलेण्डर अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 केा समर्पित है और सच्चाई तो यह है कि सहकारिता ही एक बेहतर विश्व का निर्माण करता हैं।
प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.एल. सोनी ने बताया कि कैलेण्डर में प्रतिमाह खेत में संपादित किए जाने वाले कृषि कार्यों को रेखांकित करते हुए ऋतु अनुसार फसलों में लगने वाले कीड़ा-बीमारी का हवाला देते हुए उन पर नियंत्रण रसायन की मात्रा आदि की संपूर्ण जानकारी को समाहित किया गया हैं। विश्वविद्यालय के अधिनस्थ कृषि विज्ञान केन्द्र यथा बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमन्द, उदयपुर द्वितीय व भीलवाड़ा द्वितीय से जुड़े किसानों द्वारा अपनाई जाने वाली कृषि क्रियाओं, फसलों को ध्यान में रखकर उपाय सुझाए गए हैं। यह कैलेण्डर मेवाड़ संभाग के किसानों के लिए सच्चा मित्र और मार्गदर्शक साबित होगा।
यही नहीं मेवाड़-वागड़ संभाग में ऋतु अनुसार बोई जाने वाली साक्-सब्जियों, उद्यानिकी से जुड़े फल-फूल का भी हवाला दिया गया है कि कब किस फसल को बोया जाए और क्या-क्या सावधानियां बरती जाए। चूंकि एक अच्छा और सच्चा किसान ही पशुपालक भी होता है। हर धरतीपुत्र खेती-किसानी के साथ पशु भी पालता है। खासकर गाय-भैंस, बकरी पालन, मुर्गी पालन, भेड़-ऊँट पालन से जुड़े पशुपालकों के लिए भी कैलेण्डर में बहुपयोगी जानकारियों का समावेश किया गया है ताकि बीमार पशुओं की प्राथमिक चिकित्सा पशुपालक स्वयं घर पर ही कर सके।
संपादक डॉ. लतिका व्यास ने बताया कि कैलेण्डर में वर्षपर्यन्त मनाए जाने वाले राष्ट्रीय एवं अतंर्राष्ट्रीय दिवस, तीज-त्योहार, आदि कार्य जो व्यक्ति के लिए जानना अति आवश्यक दर्शाया गया है। कैलेण्डर में विश्वविद्यालय द्वारा कि गई उन्नत कृषि तकनीकों को सचित्र दर्शाया गया है साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्रों पर होने वाली प्रमुख गतिविधियों की बहुरंगी तस्वीरों को भी प्रकाशित किया गया है ताकि संबंधित किसानों को प्रत्यक्ष परोक्ष लाभ मिल सके। किसानों की सहायता के लिए महत्वपूर्ण फोन नम्बर को भी सूचीबद्ध कर प्रकाशित किया गया 


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