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कौशल विकास से ग्रामीण महिलाएं बनेगी आत्मनिर्भर - प्रो. अरविन्द वर्मा

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09 Jan 25
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कौशल विकास से ग्रामीण महिलाएं बनेगी आत्मनिर्भर - प्रो. अरविन्द वर्मा

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अखिल भारतीय समन्वित कृषिरत महिला अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत लोयरा की महिलाओं के लिए सुरक्षात्मक वस्त्रो का डिजाइन व विकास और ग्राम ब्राह्मणों की हुन्दर की महिलाओं के लिए अपशिष्ट फूलों का मूल्य – संवर्धित उत्पादों में रूपांतरण पर दस दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन दिनांक 30.12.2024 से प्रारंभ किया गया |  

विगत दस दिनों से प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं ने ब्लाउज, शर्ट, पैंट, कुर्ता, लहंगा, पेटिकोट,  पटियाला सलवार इत्यादि वस्त्रों के डिजाइन करके वस्त्र सिले | साथ ही अपशिष्ट फूलों का उपयोग कर अगरबत्ती, धूपबत्ती, पॉट पोरी, प्राकृतिक पॉट, हर्बल हवन दीपक एवं खाद का प्रायोगिक प्रशिक्षण प्राप्त किया | कार्यक्रम का समापन दिनांक 9.01.2025 को किया गया जिसमें मुख्य अतिथि प्रो. अरविंद कुमार वर्मा, निदेशक, अनुसंधान निदेशालय रहे | उन्होंने कहा कि एक महिला के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होगा, सुदृढ़ होगा | ज्ञान से व्यक्ति में आत्मनिर्भरता आती है हुनर चाहे सिलाई का हो, या बच्चे पालने का हो, उसमें महिलाओं का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है | इसलिए महिला शिक्षा पर बल दिया जाता है एवं कृषि क्षेत्र में भी महिलाओं का योगदान होने से आर्थिक विकास निश्चित रूप से होता है| कृषि के साथ-साथ अन्य विधाओं में कौशल विकास से महिलाएं जीविकोपार्जन करने में सक्षम होती है |

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सरपंच श्रीमती प्रियंका सुथार ने बताया कि महाविद्यालय से समय-समय पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें  बीज वितरण, सिलाई, मूल्य संवर्धित उत्पाद, श्रम साध्य कृषि उपकरणों की जानकारी आदि महिलाओं में आत्मविश्वास जगाती हैं |

परियोजना समन्वयक डॉ विशाखा बंसल ने बताया कि  भा. कृ. अ. परिषद् के केंद्रीय कृषिरत महिला संस्थान, सीवा, भुवनेश्वर  द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत इस वर्ष 100 ग्रामीण महिलाओं को विभिन्न विषयों पर कौशल विकास करने का लक्ष्य था इसके अंतर्गत न्यूट्री स्मार्ट विलेज लोयरा की 30 महिलाओं को, मदार की 20 महिलाओं को, ब्राह्मणों की हुन्दर की 40 महिलाओं को एवं थूर की 28 महिलाओं को विभिन्न विधाओं में अब तक प्रशिक्षण दिया जा चुका है साथ ही विभिन्न शोध के परिणामों के आधार पर महिलाओं को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है | कार्यक्रम में प्रो. हेमू राठोड़, डॉ. विशाखा सिंह, डॉ. सुमित्रा मीणा उपस्थित रही |

कार्यक्रम का संचालन डॉ. कुसुम शर्मा, यंग प्रोफ़ेशनल द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम में मुख्य भूमिका सिखाने वाले मास्टर ट्रेनर श्री रवि मितवा और सुश्री अनुष्का तिवारी की रही | परियोजना द्वारा विगत 10 दिवस में  70 ग्रामीण महिलाओं का कौशल विकास किया गया |

 


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