उदयपुर: महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के कीट विज्ञान विभाग में एक वर्षीय कृषि आदान विक्रेता पाठ्यक्रम के पॉंचवे बैच के प्रमाण-पत्रों का वितरण समारोह सम्पन्न हुआ । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय डॉं0 अजीत कुमार कर्नाटक ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि कृषि आदान विक्रेता मुख्य बिन्दुओं को ध्यान में रखकर कार्य करें तो भारत की कृषि नये आयामों को स्थापित करने में अपना अमूल्य योगदान प्रस्तुत करेगी । कृषि आदान विक्रेता को अच्छा प्रेक्षणकर्ता, मार्गदर्शक, प्रतिनिधि, सलाहकार, समन्वयक, दूरदर्शी, प्रशासक एवं योजक होना चाहिये ताकि वह देश के विकास में अपना अह्म योगदान प्रस्तुत कर सके । इस अवसर पर राजस्थान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉं0 आर.बी. दुबे ने अपने उद्बोधन में प्रजनक बीज के बारे में बताया तथा डॉं0 आर.एल. सोनी, निदेशक प्रसार शिक्षा ने नवीनतम् कृषि प्रौद्योगिकी द्वारा कृषि नवाचार आदि के बारे में अभ्यर्थियों को जानकारी दी । कार्यक्रम में डॉं0 एम.के. महला, आचार्य कीट विज्ञान एवं पाठ्यक्रम सह समन्वयक ने बताया कि वर्तमान में एक वर्षीय कृषि आदान विक्रेेता पाठ्यक्रम में राजस्थान के 40 अभ्यर्थी भाग ले रहे हैं तथा अब तक 280 अभ्यर्थी इस पाठ्यक्रम का लाभ लेकर अपना व्यापार सुचारू रूप से चलाते हुये अपना जीवनयापन कर रहे हैं । पाठ्यक्रम के समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष डॉं0 रमेश बाबू ने पाठ्यक्रम में उपस्थित अभ्यर्थियों को उचित कीटनाशकों के उपयोग के बारे में बताया तथा उपस्थित संकाय सदस्यों व प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम का संचालन उद्यान विज्ञान विभाग के सह प्राध्यापक एवं सहायक निदेशक शारीरिक शिक्षा डॉं0 कपिल देव आमेटा ने किया ।