उदयपुर, 26 जनवरी। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी) के प्रशासनिक भवन परिसर स्थित खेल मैदान पर 76वां गणतंत्र दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया। कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने ध्वजारोहण कर एनसीसी, एनएसएस कैडेट्स एवं स्काउट-गाइड परेड की सलामी ली।
डॉ. कर्नाटक ने कहा कि गणतंत्र दिवस स्वतंत्र और एकीकृत भारत की मूल भावना का प्रतीक है। उन्होंने 26 जनवरी 1950 के ऐतिहासिक दिन का स्मरण किया, जब भारत के संविधान को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि यह दिन संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व जैसे मूल सिद्धांतों के पालन का संदेश देता है। डॉ. कर्नाटक ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को भी श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एमपीयूएटी ने अपनी स्थापना के 26वें वर्ष में शिक्षण, शोध, प्रसार और उद्यमिता विकास के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष मनाने और स्मार्ट विलेज विकसित करने के क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान बनाई है।
डॉ. कर्नाटक ने वर्ष 2024 की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि प्रताप संकर मक्का-6 का राष्ट्रीय अनुमोदन, प्रताप ज्वार-2510 का भारतीय गजट में अधिसूचित होना तथा मूंगफली, अश्वगंधा, असालिया और ईसबगोल की चार नई किस्मों का राज्य स्तरीय मान्यता हेतु चयन हमारी शोध नीति की महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं। उन्होंने ‘‘राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन‘‘ के तहत प्राकृतिक खेती के आठ राष्ट्रीय केंद्रों में से एक के रूप में एमपीयूएटी के चयन पर गर्व व्यक्त किया।
डॉ. कर्नाटक ने ग्राम मदार और ब्राह्मणों की हुंदर की सफलता के बाद ग्राम हिंता, ढोलीखेड़ा, पायरी, हस्मतगंज, बडला और कामलीगुडा में कार्य आरंभ करने की जानकारी दी।
समारोह में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, वित्त नियंत्रक, अन्य अधिकारी, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। जनसंपर्क अधिकारी डॉ. लतिका व्यास ने बताया कि परेड का नेतृत्व अंडर ऑफिसर वंश प्रताप सिंह चौहान ने किया और कार्यक्रम का संचालन दीपक चौबीसा ने किया।