जनसंपर्क प्रबंधन एक बहुआयामी विधा है। जनसंपर्क की अवधारणा पर खरा उतरने के लिए बहुत ही कुशल व्यक्ति की आवश्यकता होती है। किसी भी सरकार, संगठन, व्यक्ति की छवि ,धारणा और विश्वास बनाने में जनसंपर्क से जुड़े व्यक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। यही वजह है कि आज देश में जनसंपर्क विधा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। देश में अनेक जनसंपर्क कर्मी है जो जन संपर्क प्रबंधन में कुशलता से कार्य कर रहे हैं। ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने सम्मानित करने के साथ - साथ जनसंपर्क के विविध विषयों पर गोष्ठियां और अन्य प्रेरक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वर्ष 1965 से प्रति वर्ष 21 अप्रैल को राष्ट्रीय जन संपर्क दिवस का आयोजन किया जाता है।
हाड़ोती अंचल ही नहीं राजस्थान के लिए गौरव का विषय है कि कोटा निवासी डॉ. प्रभात कुमार सिंघल वर्ष 1979 में जनसंपर्क विभाग में राजस्थान में आए और करीब 34 वर्ष राजस्थान सरकार की छवि बनाने के साथ - साथ समाज के सभी वर्गों से जुड़ कर सफलता कुशल जनसंपर्क कर्मी की पहचान बनाई। जन संपर्क अधिकारी के रूप में इनकी जो पहचान बनी वह आज तक कायम है। चाहे जनप्रतिनिधि हो, पत्रकार और मीडिया कर्मी हो या किसी भी समाज और संस्था के व्यक्ति सभी में इनकी लोकप्रियता बनी हुई है। सेवा निवृति के बाद आज 12 वें वर्ष में भी अपनी कुशलता से निरंतर जन संपर्क कर्मी की भावना से पूर्ण सक्रियता से क्रियाशील है।
सरकार, विभिन्न संस्थाओं, पर्यटन , कला, संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व आदि क्षेत्रों में पहचान कायम करने वाले इस व्यक्ति ने पिछले तीन - चार सालों में साहित्य और साहित्यकारों के क्षेत्र में जिस तीव्रगति से पहचान खड़ी की है वह किसी आश्चर्य से कम नहीं है। जन संपर्क की इनके कौशल का ही कमल है कि आज न केवल हाड़ोती के साहित्यकार वरन राजस्थान और देश के साहित्यकारों के बीच खासे चर्चा में हैं। सभी को साथ लेकर चलने की इनकी नीति ने आज साहित्य जगत में भी इन्हें लोकप्रिय के शिखर पर ला खड़ा किया है। आज ये अन्य विधाओं पर कार्य करते हुए साहित्यिक पत्रकारिता पर समर्पित और सेवा भाव से कार्य कर रहे हैं। इनके कई आयोजनों ने नई दिशा प्रदान की हैं। हाड़ोती के साहित्य जगत में एक नई साहित्यिक चेतना जगाने में इनके सफल कार्यक्रमों की चर्चा हर एक की जुबान पर है।
विकासात्मक पत्रकारिता
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राजकीय सेवा काल के 34 वर्ष मूल रूप से राजकीय सेवाओं के साथ - साथ विकासात्मक पत्रकारिता को समर्पित रहे। इस दौरान विकास और जन कल्याण योजनाओं के प्रभाव का मूल्यांकन, विश्लेषण , साक्षात्कार, फीचर लेखन, आलेख , ग्राम के समग्र विकास की कहानियां, रिपोर्ताज, स्तंभ, संपादकीय के रूप में लेखन कर प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर व्यापक प्रचार - प्रसार का कार्य किया। करीब 100 से ज्यादा स्मारिकाओं , विकास की लघु पुस्तिकाओं और फोल्डर्स का लेखन, संपादन एवं प्रकाशन किया।
* पुस्तक संपादन : स्वच्छता पर बच्चों के लिए स्माइल एंड वर्क कार्टून बुक, प्रगति की मुस्कान, बदलती तस्वीर, आशा की किरण ,स्वातंत्राय स्वर्ण जयंतिका, राजस्थान में पंचायती राज और ग्रामीण विकास,आगे बढ़ता राजस्थान-(विशेष सन्दर्भ उद्योग,व्यापार, वाणिज्य),श्रीगंगानगर संदर्शिका,अजमेर संभाग संदर्शिका,उद्यानिकी ( फूल,फल, सबजी,मसाला और ओषधीय खेती को बढ़ावा), राजस्थान और आज का कोटा, मीडिया....जनसंचार माध्यम, मेंटल हेल्थ एवं कर्मयोगी कुल 14 पुस्तकों का संपादन किया।
** पत्र -पत्रिकाओं में प्रकाशन : अस्सी और नब्बे के दशकों में मुख्य रूप से दिल्ली प्रेस की पत्रिकाएं सरिता, मुक्ता, गृहशोभा,चंपक, सुमन सौरभ में, धर्मयुग, हिन्दुस्तान साप्ताहिक, कादम्बिनी, दिनमान, नवनीत, इतवारी पत्रिका सहित केद्रीय समाज कल्याण बोर्ड की पत्रिका ’समाज कल्याण’, भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की पत्रिका ’कुरूक्षेत्र’, योजना मंत्रालय की पत्रिका ’योजना’, भारतीय रेलवे बोर्ड की पत्रिका ’भारतीय रेल’,भारतीय डाक तार विभाग की पत्रिका ’डाक तार’, परिवार कल्याण मंत्रालय की पत्रिका ’हमारा घर’, संस्कृति मंत्रालय की पत्रिका ’आजकल’ और इंडिया एयर लाइंस की मासिक पत्रिका ’स्वागत’ आदि पत्रिकाओं में आलेख व्यापक रूप से प्रकाशित। इसी दौर के समाचार पत्रों में नवभारत टाइम्स, दैनिक हिन्दुस्तान, पंजाब केसरी, देनिक ट्रिब्यून, जनसत्ता, अमर उजाला,दैनिक जागरण, पांचजन्य, राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति, राष्ट्रदूत एवं स्थानीय कोटा के समस्त समाचार पत्रों सहित अन्य कई समाचार पत्रों ने निरंतर रचनाओं का प्राथमिकता से प्रकाशन । इस दौर में बाल पत्रिका चंपक और लोटपोट में बाल कहानियां और विभिन्न विषयों पर बाल रचनाएं बहुतायत से प्रकाशित। यूएसए से प्रकाशित हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी साप्ताहिक ’हम हिदुस्तानी’ में भी लंबे समय तक रचनाएं प्रकाशित।
पर्यटन पत्रकारिता :
पर्यटन,कला,संस्कृति,इतिहास और पुरातत्व में रुचि होने से पर्यटन पत्रकारिता भी साथ - साथ चलती रही। राजस्थान में ही नहीं देश में इस क्षेत्र में होने वाली विविध गतितिविधियों पर नजर रहती है। पर्यटन उत्सवों और विविध कार्यक्रमों में स्वयं शामिल हो कर कवरेज करना, फीचर, रिपोर्ताज लेखन। पर्यटन स्थलों और कला - संस्कृति के अध्यन के लिए निजी खर्च पर 18 राज्यों और नेपाल यात्रा कर चुका हूं। इस विषय से संबंधित 5000 से अधिक आलेख आज तक देश के विभिन्न राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकशित हो चुके हैं और करीब 3000 आलेख गूगल पर उपलब्ध हैं।
** शोध कार्य :
पर्यटन, कला और संस्कृति पर निजी स्तर पर कोटा , बूंदी ,बारां , झालावाड़ , अजमेर संभाग, उदयपुर एवं श्रीगंगानगर जिलों के इतिहास, संस्कृति, समाज, विकास पर शोध कार्य। हाड़ोती का सांकृतिक एवं पुरातत्व अध्ययन, राजस्थान का सांस्कृतिक अध्ययन ,
भारत का सांस्कृतिक अध्ययन, भारत में समुद्र तटीय संस्कृति अध्ययन, विश्व रेगिस्तान(थार मरुस्थल के सन्दर्भ में) अध्ययन,भारत के संग्रहालयों का अध्ययन,हाड़ौती के स्वतंत्रता सेनानी , भारत में एडवेंचर टूरिज्म एक अध्ययन, चंबल नदी एक अध्ययन, पत्रकारिता और जनसंचार अध्ययन, भारत में धर्म स्थलों परअध्ययन, विश्व में पर्वतीय पर्यटन अध्ययन(अरावली के सन्दर्भ में), राजस्थान के आस्था स्थल पर शोध कार्य किए हैं।
* पुस्तक प्रकाशन :
कोटा एक विहंगम दृष्टि , हाड़ौती- करोली दिग्दर्शन, नव साक्षरों के लिए जय चंबल, लोक देवता तेजा जी, आराध्य तीर्थ, राजस्थान के आस्था स्थल (धार्मिक पर्यटन), ऐसा देश है मेरा-भारत भ्रमण, अतुल्य अजमेर-विश्व स्तरीय पहचान, कोटा एक विहंगम दृष्टि (द्वितीय संस्करण) , चंबल तेरी यही कहानी ( संभवत: भारत में चंबल नदी पर प्रथम किताब), मीडिया संसार (पत्रकारिता और जन संचार), ये है हमारी रंग बिरंगी बूंदी, अद्भुत राजस्थान, भारत की विश्व विरासत-यूनेस्को की सूची में शामिल, हमारा भारत, हमारी शान, उदयपुर-राजस्थान का कश्मीर (अंग्रेजी) ,भारत में समुद्र तटीय पर्यटन विश्व रेगिस्तान का इंद्रधनुष, पर्यटन और संग्रहालय, पर्वतीय पर्यटन (विशेष सन्दर्भ अरावली), रोमांचक साहसिक पर्यटन (एडवेंचर स्पोर्ट्स), मन्दिर संस्कृति (धार्मिक पर्यटन), वर्ल्ड हेरिटेज ग्लोबल टू लोकल (अंग्रेजी) , भारतीय पर्यटन में इस्लामिक आर्किटेक्चर , पर्यटन को सुगम बनाती भारतीय रेल, भारतीय स्थापत्य की अमूल्य निधि जैन मंदिर, हाड़ोती की पुरातत्व संपदा,अलबेले उत्सव और मेले, जियो तो ऐसे जिओ (हाड़ौती क्षेत्र की सहित्य, सस्कृति एवं विभिन्न प्रतिभाएं) , अद्भुत भारत- उत्तर भारत , अद्भुत भारत - दक्षिण भारत ,अद्भुत भारत - पूर्व भारत, अद्भुत भारत - पश्चिम भारत,
अद्भुत भारत - मध्य भारत, अद्भुत भारत - पूर्वोत्तर भारत पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
साहित्यिक पत्रकारिता :
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विगत तीन चार वर्षों से साहित्यिक पत्रकारिता पर केंद्रित हूं। साहित्यिक समारोहों , पुस्तक मेला, साहित्य प्रदर्शनी आदि कार्यक्रमों का कवरेज। अब तक हाड़ोती, राजस्थान और प्रवासी राजस्थानी 150 से अधिक साहित्यकारों के साक्षात्कारों का राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशन । करीब 40 कृतियों की समीक्षा और प्रकाशन।
* नवाचार:
हाड़ोती में प्रथम बार " बाल साहित्य मेला " आयोजन के साथ साहित्यकारों से लिए गए साक्षात्कार के आधार पर तीन पुस्तकों का प्रकाशन। जियो तो ऐसे जियो ( हाड़ोती के 99 साहित्यकारों और अन्य क्षेत्र की प्रतिभाओं के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित पुस्तक प्रकाशन ) नारी चेतना की साहित्यिक उड़ान ( हाड़ोती की 81 महिला साहित्यकारों के साहित्यिक अवदान पर आधारित पुस्तक प्रकाशन ) नई बात निकल कर आती है ( स्वयं के संस्मरण पुस्तक प्रकाशित ), राजस्थान के साहित्य साधक ( 62 राजस्थान वासी और प्रवासी साहित्यकारों के साहित्यिक अवदान पर पुस्तक प्रकाशित।
समाचार पत्र प्रकाशन :
वर्ष 2014 - 16 में स्वयं के पाक्षिक समाचार पत्र " टुडे आई" का ढाई वर्षों तक प्रकाशन किया। सेवा काल में सम्पूर्ण साक्षरता अभियान कोटा का समाचार पत्र " चंबल धारा ", ग्रामीण विकास अभिकरण कोटा का पत्र " ग्राम्य विकास ", जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग उदयपुर का पत्र " आदिवासी विकास " का लेखन और संपादन किया।
राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजन :
इनके द्वारा रोमांचक साहसिक पर्यटन पुस्तक, हमारे जीवन के समृद्ध अतीत की याद दिलाने में संग्रहालय की अहम भूमिका, राजस्थान में पर्यटन की दशा, दिशा और संभावनाएं, इंटरनेट की आंधी में बरकरार है पुस्तकों का महत्व’, कविता का महत्व विषयों पर ऑन लाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राजस्थान दिवस 2022 पर राज्य स्तरीय ’रंग बिरंगा राजस्थान’ विषय पर राज्य स्तरीय ऑन लाइन सामन्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय के सहयोग से किया गया।
साक्षात्कार :
एक हजार से अधिक साहित्यकारों, लोक कलाकारों, शिल्पियों, चित्रकारों, संगीतकारों, समाज सेवियों, उद्यमियों, आदर्श शिक्षकों, प्रयोगधर्मी कास्तकारों, वन्यजीव प्रेमियों, आदि क्षेत्र के साथ-साथ विविध क्षेत्रों की प्रतिभाओं के साक्षात्कार देश के समाचार पत्रों और ऑन लाइन पोर्टल्स पर प्रकाशित हुए।
पुरस्कार-सम्मान :
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन का प्रचार प्रसार के लिए श्री कर्मयोगी सेवा संस्थान कोटा द्वारा ’कर्मयोगी इंटरनेशनल प्राइड अवार्ड-2022’ से सम्मानित। पर्यटन लेखक के रूप में सामर्थ्य सेवा संस्थान झालावाड़ द्वारा ’सामर्थ्य ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्ड-2023’ से सम्मानित।
ऑल इंडिया पीस मिशन गुरुग्राम द्वारा विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर 2022 को पर्यटन लेखन से सद्भावना और भाईचारा बढ़ाने में योगदान के लिए ’राष्ट्रीय सामाजिक समरसता सम्मान-22’ से सम्मानित। राष्ट्रीय हिन्दी समाचार पोर्टल प्रभा साक्षी, नई दिल्ली की 18 वीं वर्षगांठ पर दिल्ली में आयोजित समारोह में 8 नवंबर 2019 को लेखन के क्षेत्र में शोल ओढ़ा कर प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर ’हिंदी सेवा सम्मान’ से सम्मानित।
5. मानसिक स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार के उल्लेखनीय कार्य के लिए 10 अक्टूबर 2022 को विश्व मानसिक दिवस पर रोटरी क्लब कोटा द्वारा ’राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सम्मान-22’ से सम्मानित। पर्यटन के क्षेत्र में हाड़ौती क्षेत्र का राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार में उत्कृष्ट कार्य करने पर कोटा की संस्था न्यू इंटरनेशनल द्वारा 6 जनवरी 2021 को ’हाड़ौती गौरव सम्मान’ से सम्मानित। पर्यटन लेखन के लिए राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा द्वारा वरिष्ट नागरिक जन दिवस-2018 पर प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान कर ’वरिष्ठजन पर्यटक लेखक सम्मान’ से सम्मानित। ’राजस्थान के आस्था स्थल’ पुस्तक के लिए कोटा जिले के प्रभारी सचिव आलोक आई. ए. एस. द्वारा 25 मई 2018 को सम्मानित। ’अद्भुत राजस्थान पुस्तक’ के लिए कोटा के जिला कलेक्टर उज्जवल राठौर ने 2 मार्च 2021 को उपरना और मोतियों की माला पहना कर सम्मानित किया। हिंदी साहित्य समिति, बूंदी द्वारा 23 अक्टूबर 2022 को पर्यटन लेखक के रूप में शाल ओढ़ा कर और सम्मान पत्र प्रदान कर हिंदी ’साहित्य रत्न और समाज रत्न अलंकरण’ सम्मान। जिला प्रशासन, कोटा द्वारा उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सहायक जनसंपर्क अधिकारी पद पर 15 अगस्त 1989 , जन संपर्क अधिकारी पद पर 26 जनवरी 1993 और 15 अगस्त 2010 को सहायक निदेशक पद पर सम्मानित । राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय, कोटा द्वारा हिन्दी दिवस-2018 पर ’प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान कर ’हिंदी साहित्य सेवा’ सम्मान से सम्मानित। वर्किंग जर्नलिस्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया की कोटा इकाई द्वारा 5 दिसम्बर 2021 को ’पत्रकार सम्मान’ से सम्मानित।
श्री राजाराम कर्मयोगी सेवा संस्थान कोटा द्वारा साहित्यकार और लेखक के रूप में 22 मई 2022 को कोटा में आयोजित साहित्यकार सम्मान समारोह में ’शान-ए-राजस्थान श्री राजाराम कर्मयोगी साहित्य गौरव सम्मान - 2022’ से मोतियों का कंठहार पहना कर, शाल ओढाकर एवं सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित । राष्ट्रीय स्तर पर हाड़ोती की पुरातत्व संपदा का प्रचार-प्रसार के लिए कोटा संभागीय पुरातत्व विभाग एवं संग्रहालय विभाग, अधीक्षक द्वारा 18 मई को "अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस-2023" पर प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित। कोटा की संस्था मदर टेरेसा और शिशु भारती ग्रुप ऑफ एजुकेशन द्वारा 3 सितंबर 2023 को ’अक्षर अभिनंदन-2023’ सम्मान से शाल ओढ़ा कर श्रीफल, सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित।
भारत सरकार के जन शिक्षण संस्थान द्वारा कोटा जिले को साक्षरता अभियान में प्रथम लाने के लिए किए गए उत्कृष्ट प्रचार-प्रसार के लिए अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 अक्टूबर 2023 पर जिला प्रौढ़ शिक्षण संस्थान, कोटा दरार माल्यार्पण, उपरना और पगड़ी पहना कर श्रीफल एवं सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित । राजस्थान पेंशर्स समाज कोटा शाखा द्वारा 31 दिसंबर 23 को लोक सभा अध्यक्ष के माध्यम से पर्यटन लेखक सम्मान से सम्मानित। साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा द्वारा 6 जनवरी 2024 को नाथद्वारा में आयोजित समारोह में साहित्य एवम् प्रशासन के क्षेत्र में अनुपम योगदान के लिए साहित्य भूषण की मानद उपाधि से विभूषित कर 2100₹ राशि सहित श्री तारा चंद स्मृति सम्मान से सम्मानित। समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत अंतर्राष्ट्रीय संस्था, गांधी नगर, गुजरात द्वारा 8 अप्रैल 2024 को कोटा में आयोजित कार्यक्रम में कला,संस्कृति,पर्यटन,साहित्य और पत्रकारिता में अद्वितीय योगदान के लिए ’’लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड - 2024’’ से सम्मानित।
समर्पण बहुउद्देशीय विकास समिति, कोटा द्वारा 14 अप्रैल 2024 को वरिष्ठ जन संपर्क कर्मी, लेखक एवं पत्रकार सेवाओं के लिए ’’चंबल रत्न’’ सम्मान से सम्मानित। 21 सितंबर 2024 को ग्रेटर प्रेस क्लब कोटा द्वारा पत्रकारिता सम्मान। आर्यन लेखिका मंच, कोटा द्वारा 6 अक्टूबर 24 को पत्रकारिता सम्मान। जबलपुर की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रियाशील संस्था कादंबरी द्वारा 9 नवंबर 24 को जबलपुर में समग्र लेखन के लिए स्व. सिद्धार्थ भट्ट सम्मान 5000 ₹ से सम्मानित। 30. नगर परिषद, नगर निगम, उद्यान विभाग, कृषि विभाग, इनरव्हील क्लब कोटा द्वारा समय-समय पर दो दर्जन से अधिक प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मान।
परिचय :
आज के सफ़तम इस जनसंपर्क कर्मी का जन्म 15 अक्टूबर 1953 को कोटा में पुलिस अधिकारी पिता चमन लाल सिंघल और माता
सुमन लता के घर में सबसे बड़ी संतान के रियो में हुआ। इन्होंने इतिहास में राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से अधिस्नातक,
पत्रकारिता एवं जन संचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा एवं कर कोटा खुला विश्वविद्यालय, कोटा से .(राजपुताने में पुलिस प्रशासन 1857-1947) विषय पर पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, राजस्थान सरकार में एक मार्च 1979 को कोटा सूचना केंद्र में सहायक जन संपर्क अधिकारी के पद पर ज्वाइन किया और 31 अक्टूबर 2013 को जयपुर से संयुक्त निदेशक पद से सेवा निवृत । वर्तमान में विगत 11 वर्षों से राजस्थान राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तरीय अधिस्वीकृत स्वतंत्र पत्रकार के रूप में सक्रिय हैं।