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उदयपुर टेल्सः उदयपुर को भारत की कहानियों की राजधानी बनाने की ओर कदम

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06 Jan 25
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उदयपुर टेल्सः उदयपुर को भारत की कहानियों की राजधानी बनाने की ओर कदम


तीन दिवसीय स्टोरी टेलिंग फेस्टिवल 10 जनवरी से,देश-विदेश से कहानी सुनाने आयेंगे कहानीकार देवदत्त पटनायक ,मकरदं देशपाण्डे,अजय कुमार,फोजिया दास्तानगो,लेटिन अमेरीका से एंजेलिना व फ्रंास से भी सुनायेंगे कहानियंा
उदयपुर, 6 जनवरी। मां माय एंकर फाउण्डेशन द्वारा स्थापित उदयपुर टेल्स की ओर से तीन दिवसीय स्टोरीटेलिंग फेस्टिवल 10 से 12 जनवरी शिल्पग्राम रोड़़ स्थित दर्पण सभागार के सामनें पार्क एक्सजोटिका रिसोर्ट में आयोजित होगा। राजस्थान को वैश्विक सांस्कृतिक मानचित्र पर स्थापित करने के उद्देश्य से वार्षिक ’उदयपुर टेल्स इंटरनेशनल स्टोरीटेलिंग फेस्टिवल’ की तैयारियां जारी हैं।
फाउण्डेशन के सह-संस्थापक सलिल भण्डारी ने बताया कि तीन दिवसीय यह आयोजन केवल मौखिक कहानी सुनाने का उत्सव नहीं है, बल्कि इसे उदयपुर को भारत की कहानी सुनाने की राजधानी के रूप में स्थापित करने की सांस्कृतिक पहल है।  
सह संस्थापिका सुश्री सुष्मिता सिंघा ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उदयपुर टेल्स केवल इन तीन दिनों में सुनाई जाने वाली कहानियों तक सीमित नहीं है। यह राजस्थान की उस परंपरा को पुनर्जीवित करने का प्रयास है, जहां मौखिक कहानियां भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही हैं। यह उत्सव दुनिया को मौखिक कथाओं के जादू से जोड़ने का माध्यम उदयपुर केन्द्र बनता जा रहा है।
इस प्राचीन कला को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानें मशहूर दास्तानगोई कलाकार सैयद साहिल आगा आ रहे हैं जो इस महोत्सव से कई वर्षों से जुड़े रहे हैं। उन्होंने 2020 के ’उदयपुर स्टोरीटेलिंग फेस्टिवल’ में जुमलेबाजी नामक एक अनोखी शैली इसी फेस्टिवल से शुरू की। यह शैली 13वीं सदी के सूफी कवि अमीर खुसरो से प्रेरित है। इसमें साहिल दर्शकों के साथ जुड़कर उनकी सुझाई गई शब्दावली से मौके पर ही कहानी गढ़ते हैं।  
उन्होंने बताया कि उदयपुर टेल्स महोत्सव प्राचीन मौखिक कथा-कहानी की कला का अनूठा कहानियों का वैश्विक उत्सव बना है। इस वर्ष फेस्टिवल में भारत के प्रमुख कहानीकार दिव्य निधि शर्मा, देवदत्त पटनायक, फौज़िया दास्तानगो, मकरंद देशपांडे, अजय कुमार, अहमद फ़राज़, देबजानी, श्वेता नाडकर्णी, शिल्पा मेहता, शोना मल्होत्रा, आदित्य कोठाकोटा, और कहानीवाला रजत अपनी विशिष्ट कहानियां प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही प्रसिद्ध कव्वाल क़ुतबी ब्रदर्स जैसे सेलिब्रिटी परफॉर्मेंस भी इस महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे। महोत्सव में फ्रांस और लैटिन अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय कहानीकार भी भाग लेंगे, जिससे यह आयोजन और भी समृद्ध और रोचक बनेगा।  
सलील भण्डारी ने बताया कि कहानी सुनाने की कला को फेस्टिवल तक सीमित ना रखते हुए हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उदयपुर के विद्या भवन स्कूल और अन्य निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए कहानी सुनाने की प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें 120 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया,जिससे प्रतिभागियों में गहरा उत्साह देखा गया। इसके विजेताओं को इस आयोजन में पुरूस्कृत किया जायेगा और इस वर्ष पहली बार एक अनोखी पहल के तहत उदयपुर की सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए भी कहानी सुनाने की प्रतियोगिता आयोजित की गई। कैदियों की छुपी प्रतिभाओं को देखना और उनके जीवन की अनसुनी कहानियों सुनना वाकई दिल छू लेने वाला अनुभव था। उनकी कहानियां दर्शकों को बांधने में पूरी तरह सफल रहीं। इसके विजेताआंे को भी पुरूस्कृत किया जायेगा।
इतिहास का हिस्सा बनने का आमंत्रण- इस आयोजन के दौरान उदयपुर एक सांस्कृतिक केंद्र में बदल जाएगा, जहां देश-विदेश की कहानियां सुनाई जाएंगी। अपनी बढ़ती अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि के साथ, उदयपुर टेल्स राजस्थान को कहानी सुनाने के लिए प्रमुख गंतव्य बनाने के लिए तैयार है। उदयपुरवासी इस आयोजन को लेकर प्रतिवर्ष इन्तजार करते है अब सभी की नजरें उदयपुर टेल्स पर टिकी हैं, जो केवल मनोरंजन नहीं बल्कि ऐसा अनुभव प्रदान करेगा, जो दिलों और दिमागों में लंबे समय तक गूंजेगा। यह मंच राजस्थान और भारत के अन्य हिस्सों से लेकर विश्वभर की कहानियों का संगम बनेगा।
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पौष बड़ा संग कीर्तन आयोजित
उदयपुर। माहेश्वरी महिला गौरव द्वारा नीलकंठ महादेव मन्दिर परिसर में आज पौष बड़ा संग कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
संगठन अध्यक्ष आशा नरानीवाल ने बताया कि कीर्तन में 60 औरतों ने भाग लिया। कीर्तन में कृष्ण, महादेव-पार्वती के भजनों खाले-खाले कान्हा पौष बड़ा... सहित अनेक भजनों पर महिलाओं ने नृत्य भी किया। कार्यक्रम पश्चात भगवान को भोग लगाकर आरती की। इस अवसर पर संरक्षक कौशल्या गट्टानी,सरिता न्याती,रेखा देवपुरा,वीणा, प्राची, रीमा,मंजू गांधी, अंकिता,कला, सरिता, निर्मला काबरा, सहित कार्यकारिणी की अनेक सदस्याएं व बहिनें मौजूद थी।


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