हुस्न वालों सम्भल जाओ
दिलवाले आज आए हैं
दिलो-जां लुटने का मंज़र
दिखाने आज आए हैं
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दिए जो ज़ख़्म दिल पर
उन्हें सहते रहे छुपकर
सितमगर कौन है सबको
बताने आज आए हैं
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भुलाए बैठे थे जिनको
कभी ना ख़्वाब में देखा
ना जाने आज वो हमको
बहुत ही याद आए हैं
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सहे कितने सितम हमने
बहाए अश्क़ छुपा कर
दिखाने आज जाने क्यूं
वो सरे-आम आए हैं
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झूठे ख़्वाब दिखा कर
उनके ख़तो-ख़तूत 'कौस्तुभ'
अमानत पास थी उनके
वो लौटाने आज आए हैं
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#कौस्तुभ