प्रभात गोस्वामी, राजस्थान के बीकानेर शहर में जन्मे और आज देश के प्रमुख व्यंग्यकारों में से एक हैं। उन्होंने व्यंग्य की विधा में अपनी अनूठी शैली विकसित की है, जहां वे समाज की कड़वी सच्चाइयों को हास्य के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। बुलाकी शर्मा, वासु आचार्य, और अतुल चतुर्वेदी जैसे प्रसिद्ध व्यंग्यकारों की पंक्ति में उनका नाम भी सम्मान से लिया जाता है।
प्रभात गोस्वामी का मानना है कि व्यंग्य रचनाएं न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं, बल्कि समाज की वास्तविकताओं और समस्याओं को भी सामने रखती हैं। उनके अनुसार, व्यंग्य साहित्य में समाज में व्याप्त पाखंड, भ्रष्टाचार, और रूढ़िवादिता पर कटाक्ष करते हुए जीवन-मूल्यों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हरिशंकर परसाई को वह पहला व्यंग्यकार मानते हैं जिन्होंने इस विधा को साहित्य में मान्यता दिलाई।
गोस्वामी की भाषा शैली में ऐसा अपनापन है कि पाठक को लगता है जैसे लेखक उसके सामने बैठकर बात कर रहा हो। उनके व्यंग्य संग्रह "बहुमत की बकरी" एक उदाहरण है, जो सामाजिक और राजनीतिक विसंगतियों पर गहरी दृष्टि डालते हुए समस्याओं की पड़ताल करता है।
उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में "साहित्य पर्यटन में आनंद के झूले" और "एक क्रिकेटर का प्रेम पत्र" प्रमुख हैं। उन्होंने पांच व्यंग्य संग्रह प्रकाशित किए हैं, जिनमें "बहुमत की बकरी," "चुगली की गुगली," "ऐसा भी क्या सेल्फियाना," "पुस्तक मेले में खोई भाषा," और "प्रभात गोस्वामी के चयनित व्यंग्य" शामिल हैं।
प्रभात गोस्वामी के व्यंग्य लेख प्रमुख राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समाचार पत्रों, जैसे अमर उजाला, नई दुनिया, राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति, और कई अन्य पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं। इसके साथ ही, वे बॉक्स एफएम रेडियो, जयपुर पर "व्यंग्य के रंग-प्रभात के संग" नामक कार्यक्रम में व्यंग्यकारों से साक्षात्कार भी प्रस्तुत करते हैं।
**अन्य योगदान:**
प्रभात गोस्वामी ने साहित्यिक, सामाजिक, कला-संस्कृति, पर्यटन, खेल, और विकासात्मक विषयों पर भी विगत 40 वर्षों से लेखन किया है। उन्होंने आकाशवाणी, दूरदर्शन, और विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में मंच संचालन, स्क्रिप्ट लेखन, और उद्घोषणा का कार्य भी किया है।
**सम्मान:**
उन्हें सूचना एवं जनसंपर्क के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य और लेखन के लिए राजस्थान के प्रतिष्ठित 'माणक अलंकरण', 'जनसंपर्क उत्कृष्टता' अवार्ड, और 'खुशाल चंद रंगा स्मृति खेल पत्रकारिता पुरस्कार' सहित कई अन्य सम्मान प्राप्त हुए हैं।
**व्यक्तिगत जीवन:**
प्रभात गोस्वामी का जन्म 5 मार्च 1959 को बीकानेर में हुआ था। उन्होंने बीकॉम, हिंदी साहित्य से एम.ए., और स्नातकोत्तर डिप्लोमा पत्रकारिता एवं जनसंचार की शिक्षा प्राप्त की है। लेखन के अलावा, उन्हें क्रिकेट में विशेष रुचि है और उन्होंने आकाशवाणी से अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की कमेंटरी भी की है।