पिता वह हस्ती है,
जिनके बिना दुनिया अधूरी है।
पिता वह शख्स है,
जो दिल का बहुत अमीर है।
मेरा साहस, मेरी इज्जत, मेरा सम्मान है पिता...
मेरी ताकत, मेरी पूंजी, मेरी पहचान है पिता।
मेरा मान, मेरी शान है पिता,
सुबह का उगता सूरज और
धरती पर चांद है पिता।
सारे घर की रौनक, सारे घर की शान है पिता,
कभी धरती तो कभी आसमान है पिता...
बाहर से सख्त तो अंदर से नरम है,
पिता है तो कल है,
पिता है तो हर पल है।
भगवान का दिया उपहार है पिता,
उसके रूप में एक छवि है पिता,
भगवान से मांगी मिन्नत है पिता,
धरती पर जन्नत है पिता।