डॉ. प्रभात कुमार सिंघल
झालावाड़ – पर्यटन विकास समिति झालावाड़ ने सोमवार को झालावाड़ उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर नगर के पुराने पीडब्ल्यूडी गोदाम में उपेक्षित पड़ी पुरातत्व महत्व की प्राचीन मूर्ति को स्थानीय संग्रहालय में सुरक्षित रखवाने की मांग की है।
समिति के संयोजक ओम पाठक ने बताया कि गोदाम में कुएं के पास स्थित यह देवमूर्ति वर्षों से उपेक्षित अवस्था में पड़ी है, जिससे हवा-पानी के प्रभाव से इसकी कला नष्ट हो रही है। खुले में होने के कारण इसके चोरी होने का भी खतरा है। अतः इसे शीघ्र संग्रहालय में संरक्षित किया जाना चाहिए, ताकि पर्यटक इसे देख सकें।
समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं इतिहासकार ललित शर्मा ने बताया कि अध्ययन के आधार पर यह 12वीं सदी की दिक्पाल अग्निदेव की मूर्ति प्रतीत होती है। यह मूर्ति मंदिर के दक्षिण-पश्चिम (आग्नेय कोण) में स्थापित रही होगी। मूर्ति की दाढ़ी में बनी गठान अग्नि की ज्वाला को नियंत्रित करने का प्रतीक है। यह दो स्तंभ रथिकाओं के मध्य स्थित है, जिसमें आसपास सुंदर अप्सराओं की आकृतियां उकेरी गई हैं।