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कवि ओम नागर की रचनाएँ, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के बीए, हिंदी पाठ्यक्रम में शामिल 

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19 Sep 24
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कवि ओम नागर की रचनाएँ, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के बीए, हिंदी पाठ्यक्रम में शामिल 

कोटा के प्रख्यात युवा कवि- लेखक डॉ. ओम नागर की साहित्य रचनाएं अब उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के (बीए) हिंदी स्नातक पाठ्यक्रम में छात्रों को पढ़ाई जाएगी। नागर की भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित कथेतर कृति (डायरी) "निब के चीरे से" से तीन गद्य रचनाएँ  'मौसम की कसौटी ','धरती का प्रेम प्रसंग यानी' और 'डरी हुई रात की हँसती हुई सुबह ' शामिल की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 पर आधारित बीए हिंदी पाठ्यक्रम में पांचवे सेमेस्टर में यह रचनाएँ, ' निबंध और अन्य विधाएँ ' अध्याय में शामिल है।

     उल्लेखनीय है कि ओम नागर, बारां जिले के अंताना गांव के निवासी है। अपनी पच्चीस वर्ष की सृजन-यात्रा में नागर की हिंदी और राजस्थानी की बीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। जिस कथेतर कृति से रचनाओं को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया, उसका प्रकाशन 2016 में भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा किया गया था। जिसको राजस्थान साहित्य अकादमी ने कन्हैयालाल सहल पुरस्कार से भी सम्मानित किया है। ओम नागर को हिंदी और राजस्थानी साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए साहित्य अकादेमी, भारतीय ज्ञानपीठ व 

भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता के युवा पुरस्कार सहित कई सम्मानों से नवाज़ा गया है।


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