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पावापुरी में आज 24 वीं ध्वजारोहण धुमधाम से सम्पन्न हुई

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24 Feb 24
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पावापुरी में आज 24 वीं ध्वजारोहण धुमधाम से सम्पन्न हुई

सिरोही। पावापुरी तीर्थ जीव मैत्री धाम की 24 वीं ध्वजारोहण शुक्रवार को आचार्य सौम्यचंद्र सागरसुरीजी, आचार्य विवेकचन्द्र सागरसुरीजी, आचार्य अशोक सागरसूरिजी, प्रवर्तक धेर्यचन्द्र सागरसुरीजी एवं आचार्य भगवंत श्री यशोविजय म. सा. के शिष्यरत्न मुनिराज भक्तियोग विजय जी म. सा. एवं मुनिराज श्री आत्मसिद्धी विजय जी म. सा. की निश्रा में धुमधाम से गाजते बाजते ओम पुण्याम-पुण्यामं-प्रियताम-प्रियताम के मंत्रोचारण के साथ हुआ। ध्वजारोहण के पूर्ण यात्रिक भवन में ध्वजा को सिर पर लेकर वरघोडा निकाला गया जिसमें राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड, भारत सरकार के अध्यक्ष सुनील सिंघी, आतंकवादी निरोधी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार एम. एस. बिट्टा, के. पी. संघवी परिवार के सदस्य एवं पावापुरी ट्रस्ट मंडल के ट्रस्ट्रियों ने नाचते गाते हुऐ भाग लिया। प्रातः वेला में विधिकारक विरल भाई जैन ने विधिपूर्वक ध्वजा का पूजन करवाया ओर आर्चाय भगवंत अशोकसागर सूरि महाराज ने ध्वजा पर वास्क्षेप डाला। जय जय श्री पाश्र्वनाथ मंदिर, महावीर स्वामी चैमुखा मंदिर एवं सभी देहरियों में कलश व दंड की विधिवत पूजा कर ध्वजा फहराई गई। श्री सच्चियायमाता सेवा मंडल सुरत के भक्तो ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। मूलनायक मंदिर पर संघवी कीर्तिभाई, नितिन भाई, अरविन्दभाई, दिलीप भाई एवं महावीर स्वामी मंदिर में किशोर भाई, रतनबेन, अमरीश भाई, समीर भाई ने ध्वजा फहराई।  

आचार्य श्री अशोकसागर सूरिजी ने ध्वजा फरकाने के बाद हित शिक्षा प्रवचन में कहा कि जैन धर्म अनादि काल से शास्त्रों में लिखे नियमों व व्यवस्था से चल रही हैं। जैन धर्म में त्याग, तपस्तया, समर्पण, करूणा एवं जीवदया का विशेष महत्व हैं ओर ये सभी तत्व ही जैन धर्म को आगे बढा रहे हैं। मुनिराज ने शांति पाढ कराया ओर उसके बाद भगवान को पक्षाल किया गया।

ट्रस्ट के चेयरमेन किशोर एच. संघवी ने कहा कि पिछले 24 वर्षो से पावापुरी तीर्थ में भक्तों का आने का प्रवाह लगातार बना हुआ है ओर आने वाले भक्त यहां की व्यवस्था व वातावरण से बहुत खुश हैं।


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