(mohsina bano)
जैसलमेर। पशुपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में जैसलमेर कलेक्ट्रेट सभागार में कर्रा रोग की रोकथाम और पानी-बिजली आपूर्ति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में मरुस्थलीय क्षेत्रों में भी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
मंत्री कुमावत ने निर्देश दिए कि कर्रा रोग से गौवंश की रक्षा के लिए विभाग योजनाबद्ध तरीके से कार्य करे। उन्होंने पशुपालकों से अपील की कि वे अपने पशुओं को खुले में न छोड़ें और नियमित निगरानी रखें। कर्रा रोग की कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए जागरूकता ही सबसे बड़ा उपाय है।
बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार और निगरानी को मजबूत किया जाए। एलईडी वॉल, सोशल मीडिया, होर्डिंग और विज्ञापन के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता फैलाई जाए।
इस अवसर पर पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. मनमोहन नागौरी ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि फॉस्फोरस की कमी और पोषक तत्वों की अपर्याप्तता के कारण गायें मृत पशुओं की हड्डियां खाने लगती हैं, जिससे कर्रा रोग फैलता है। वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र सिंह तंवर ने बताया कि जिले में मिनरल मिक्सर पाउडर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।