जैसलमेर । जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रश्मि रानी ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के अंतर्गत पारंपरिक जल संरक्षण संरचनाओं के संरक्षण एवं पुनरुद्धार का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है। इसके तहत खड़ीन, टांका और नाड़ी जैसी पारंपरिक तकनीकों को पुनर्जीवित किया जा रहा है, जिससे वर्षा जल संचयन को बढ़ावा मिल रहा है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अभियान के द्वितीय चरण हेतु चयनित परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) के अनुमोदन के लिए जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई। साथ ही प्रथम चरण की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
उन्होंने बताया कि सभी लाइन विभागों द्वारा परियोजना कार्ययोजना में वर्षा जल संरक्षण से संबंधित कार्यों को जियोटैग कर डीपीआर में सम्मिलित किया गया है। इनमें खड़ीन, एनिकट, फार्म पोण्ड, तालाब, नाड़ी और टांका निर्माण जैसे कार्य प्रमुख हैं।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी रश्मि रानी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इन सभी कार्यों को प्राथमिकता से और तय समय-सीमा में गुणवत्तापूर्वक पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
बैठक में उपखंड अधिकारी सक्षम गोयल, नगर परिषद आयुक्त लजपाल सिंह सौढ़ा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।