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संयुक्त महा रजिस्ट्रार एवं निदेशक ने ली जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन की समीक्षा बैठक

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15 Feb 25
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संयुक्त महा रजिस्ट्रार एवं निदेशक ने ली जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन की समीक्षा बैठक

जैसलमेर, 14 फरवरी। संयुक्त महारजिस्ट्रार एवं निदेशक विष्णु चरण मल्लिक की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन समीक्षा बैठक आयोजित हुई। उन्होंने जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1969, सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के विषयों पर चर्चा करते हुए संबंधित अधिकारियों को जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण कार्य को शत प्रतिशत करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण संशोधन अधिनियम 2023 के संबंध में जानकारी देते हुए निर्देष दिये कि वे इनकी पालना करते हुए पंजीयन का कार्य गंभीरता के साथ करावें।

निदेषक श्री मलिक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले गैर-संस्थागत मृत्यु व जन्म को रजिस्ट्रार (ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम सेवक) के द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगिनी की सहायता से सूचनाएं प्राप्त कर आवश्यक रूप से दर्ज किया जाना सुनिश्चित किया जावे।

संयुक्त महारजिस्ट्रार एवं निदेशक ने कहा कि की सभी सरकारी अस्पतालों में उप पंजीयक नामित किए जाए। साथ ही, प्रसव की स्थिति में बच्चे को अस्पताल से छुट्टी के समय अन्य दस्तावेजों के साथ जन्म प्रमाण-पत्र भी आवश्यक रूप से प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी संस्थागत द्वारा मृत्यु घटनाओं में मृत्यु के कारण का चिकित्सीय प्रमाणीकरण का फॉर्म चार आवश्यक रूप से भरा जाए।

जिला कलक्टर प्रताप सिंह ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं उप निदेशक सांख्यिकी को निर्देशित किया कि वे यह सुनिश्चित करे कि सभी निजी अस्पताल पहचान पोर्टल पर सूचनादाता के रूप में दर्ज हो एवं सम्बंधित रजिस्ट्रार को जन्म-मृत्यु की सूचना नियमित रूप से भिजवाई जाए।
बैठक में जन्म - मृत्यु रजिस्ट्रीकरण ईकाइयों का निरीक्षण, जन्म - मृत्यु रजिस्ट्रेशन के लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करने के लिए व्यूह रचना एवं उपाय, जिले में कुल स्वास्थ्य संस्थाएं (सरकारी/ गैर सरकारी / निजी आदि) जहाँ पर रोगियों को भर्ती करने की सुविधाएं हो एवं एमसीसीडी रिपोर्टिंग सुविधाएं, एमसीसीडी की स्थिति एवं सुधार के लिए प्रयास, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ईकाइयों की मॉनिटरिंग, मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जन्म तथा मृत्यु आंकड़ों में अंतर को न्यूनतम करना, सीआरएस दरों (जन्म दरों एवं मृत्यु दरों) की समीक्षा, फर्जी प्रमाण-पत्र की रोकथाम एवं सुरक्षा उपाय, जिला कलक्टर की मासिक बैठक में सीआरएस विषय को शामिल करना, प्रचार-प्रसार सहित अन्य बिंदुओं पर भी बिंदुवार विस्तृत चर्चा की गई।

इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनीता चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. के. पालीवाल, उप निदेशक सांख्यिकी राजेंद्र मेघवाल सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।


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