GMCH STORIES

उदयपुर एसपी गोयल ने ली बाल वाहिनी समन्वय समिति की बैठक

( Read 818 Times)

05 Sep 24
Share |
Print This Page
उदयपुर एसपी गोयल ने ली बाल वाहिनी समन्वय समिति की बैठक


स्कूल परिसर के साथ ही आसपास की परिधि पर भी संचालक रखें नजर
स्कूल पहुंचने वाले हर बच्चे का परिवहन डाटा करें तैयार

उदयपुर,  जिला बाल वाहिनी समन्वय समिति की बैठक गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में समिति अध्यक्ष व जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल की अध्यक्षता तथा प्रादेशिक परिवहन अधिकारी नेमीचंद पारीख की उपस्थिति में हुई। इसमें विभिन्न विभागीय अधिकारियों सहित शहर के प्रमुख विद्यालयों के संचालक-प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
प्रारंभ में अतिरिक्त प्रादेशिक परिवहन अधिकारी मनीष कुमार शर्मा व जिला परिवहन अधिकारी अतुल कुमार शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार परिवहन विभाग की ओर से वर्ष 2017 में जारी बाल वाहिनी संबंधी दिशा-निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी। जिला पुलिस अधीक्षक श्री गोयल ने कहा कि बाल वाहिनी को लेकर जारी दिशा-निर्देश अति महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह बच्चों के जीवन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने सभी विद्यालयों को बाल वाहिनी गाइडलाइन की अक्षरशः पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।  
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बच्चों के मामले में स्कूल प्रबंधन और अभिभावक आपसी समन्वय से कार्य करते हुए बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। इसके बाद भी यदि कोई दिक्कत रहती है तो उसके समाधान के लिए पुलिस व प्रशासन उपलब्ध हैं। आरटीओ श्री पारीख ने कहा कि बाल वाहिनी गाइडलाइन की पालना सभी विद्यालयों के लिए अनिवार्य है। उन्होंने चालक-परिचालकों के लिए जल्द ही प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित किए जाने की भी बात कही। साथ ही अगली बैठक से पहले गाइडलाइन की पूर्ण पालना सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया। एएसपी उमेश ओझा ने अवैध व असुरक्षित वाहनों से बच्चों के परिवहन पर अंकुश के लिए अभिभावकों को जागरूक करने का आग्रह किया। साथ ही पुलिस व परिवहन विभाग की ओर से संयुक्त अभियान चलाकर ऐसे वाहनों पर कार्यवाही किए जाने की बात कही। बैठक में पुलिस उपाधीक्षक (यातायात) नेत्रपाल सिंह, नगर निगम के अधिशाषी अभियंता लखनलाल बैरवा, चिकित्साधिकारी डॉ प्रणव भावसार, पीडल्ब्यूडी एईएन दिव्या सिंघल सहित अन्य अधिकारी, विभिन्न विद्यालयों के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।
होमवर्क के लिए डांट सकते हैं तो हेलमेट के लिए क्यों नहीं ?
बैठक में पुलिस अधिकारियों ने बच्चों के दुपहिया वाहन चलाने, पावर बाइक्स का इस्तेमाल करने, हेलमेट नहीं पहनने जैसी समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के विरूद्ध सड़क पर कार्यवाही यातायात पुलिस करेगी, लेकिन स्कूलों में विद्यालय संचालक और अध्यापक इन पर नजर रखें। नाबालिग बालक स्कूल में दुपहिया वाहन लेकर आता है तो शिक्षकों की नैतिक ड्यूटी है कि वह उसका लाईसेंस चेक करें, हेलमेट लगाने के लिए समझाएं। होमवर्क नहीं करने पर डांट सकते हैं तो हेलमेट नहीं पहनने पर भी डांट सकते हैं। जिला पुलिस अधीक्षक श्री गोयल ने ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनकी लिखित सूचना अभिभावकों को भेजने तथा इसके बावजूद सुधार नहीं होने पर उन बच्चों की सूचना पुलिस को देने का भी आग्रह किया।
नेत्र जांच शिविर लगाने के निर्देश
एसपी श्री गोयल ने सभी बाल वाहिनी चालक-परिचालकों की स्वास्थ्य एवं नेत्र जांच पर बल दिया। आरटीओ श्री नेमीचंद पारीख ने चिकित्सा विभाग को शिक्षा विभाग से समन्वय करते हुए एक सप्ताह के भीतर शिविर लगाकर सभी बाल वाहिनी चालक-परिचालकों का नेत्र जांच कराने की बात कही।
  यह भी दिए निर्देश
- सभी विद्यालयों में 7 दिन के भीतर यातायात संयोजक नियुक्त किए जाएं
- हर स्कूल में रोड सेफ्टी क्लब गठित करें, इसमें अभिभावकों को भी शामिल करें
- विद्यालय आने वाले हर बच्चे का परिवहन डाटा तैयार रहे
- निजी वैन-ऑटो से आने वाले बच्चों का रिकॉर्ड रखते हुए संबंधित वाहन चालकों की भी डिटेल रखें  
- विद्यालय की बाल वाहिनी के चालकों की स्वास्थ्य जांच व पुलिस सत्यापन कराकर परिचय पत्र जारी करें
- विद्यालय परिसर के साथ ही परिधि में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं
- विद्यालय परिसर के आसपास होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखते हुए अवांछित कार्यों की सूचना देने के निर्देश


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like