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भजनो की गंगा में डूबे श्रंद्धालू ःः

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28 Jan 15
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जैसलमेरलौद्रवा तीर्थ की पुरात्तव वास्तु शिल्प का महत्व लिये प्राचीन दादावाडी के परिसर में रविवार की रात्रि में मुनि मनीशप्रभसागर म.सा. व साध्वी मण्डल की पावन सानिध्य में रात्रि को भक्ति संध्या हुई। देर रात तक जयकारो,नवकारो महामंत्रो के मध्य चली भक्ति संध्या में छतीसगढ से आये अंकित लौढा ने ह्दय को छू लेने वाले भजन पेश किये । भजनो में दादागुरू देव, नाकोडा भैरवजी व राजस्थानी भजनो के साथ गुजराती भजन भी पेश किये । कई भजन संस्कार नैतिकता मानवीय मूल्यो को स्थापित करने वाले थे प्रस्तुत भजनो को उपस्थित सैकडो श्रावक-श्राविकाओ ने करतल ध्वनि से ताल देकर तथा स्वर से स्वर मिलाकर नृत्य किया । पडंरिया छतीसगढ के सुप्रसिद्ध जैन अंकित लौढा ने अपने भजन प्रस्तुत कर उपस्थित लोगो को भक्ति रस में सरोबार कर दिया । लौढा ने गुरूभक्तो से कहा कि देने वाला कुशल गुरू कभी भी देने से इन्कार नही करता है, तो लेना नही जानते उनको कैसे दे आपकी श्रृद्धा होनी चाहिये । संगीत पार्टी के तबले पर अनिल ओरगन पर प्रताप बकोलिया व ढोलक पर बम्बराम शंकर शम्भू एण्ड पार्टी ने सगत की।
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