उदयपुर में 27 अक्टूबर 2024 को, हरिश्चन्द माथुर रिपा के सभागार में नवम आयुर्वेद दिवस एवं संभाग स्तरीय धन्वन्तरि महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। यह समारोह आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों, अधिकारियों, और कर्मचारियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान धन्वन्तरी की पूजा के साथ हुई, जिसमें दीप प्रज्वलित कर और माल्यार्पण कर कार्यक्रम की रौनक बढ़ाई गई। इस महोत्सव का आयोजन आयुर्वेद के महत्व को समाज में स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया था।
अध्यक्षता में विद्वेष
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. भगवती प्रकाश शर्मा, पेसिफिक यूनिवर्सिटी के कुलपति ने की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि “आज आयुर्वेद वैश्विक स्तर पर एक पहचान बना चुका है।” उन्होंने आयुर्वेद में अनुसंधान और नवीन औषधियों के विकास की आवश्यकता पर भी बल दिया। डॉ. शर्मा ने उपस्थित चिकित्सकों और अधिकारियों को प्रेरित किया कि वे आयुर्वेद को और अधिक उन्नत करने के लिए अपनी मेहनत और समर्पण को बढ़ाएं।
स्वागत भाषण
कार्यक्रम संयोजक डॉ. शोभालाल औदिच्य, जो वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी हैं, ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन आयुर्वेद के प्रति जन जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने उन व्यक्तियों को सम्मानित करने का महत्व बताया जिन्होंने आयुर्वेद चिकित्सा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सम्मान समारोह
इस समारोह में विशेष रूप से पूर्व आयुर्वेद निदेशक डॉ. कनक प्रसाद व्यास जैसे प्रमुख अतिथि उपस्थित थे। अन्य विशिष्ट अतिथियों में डॉ. महेश दीक्षित, डॉ. रामानंद दाधीच, डॉ. बाबूलाल जैन, डॉ. महेश दाधीच, और डॉ. कृपासंत शामिल थे। सभी अतिथियों ने आयुर्वेद के प्रति अपने विचार साझा किए और इसके उन्नयन के लिए अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए।
पंचकर्म शिविरों का सम्मान
पंचकर्म शिविरों में निरंतर सेवाएं देने वाले चिकित्सकों, नर्सों, कम्पाउण्डरों और परिचारक वर्ग का भी सम्मान किया गया। इन सभी ने पिछले तीन वर्षों में समुदाय को आयुर्वेद के लाभ पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस प्रकार की सेवाओं से आम जनता में आयुर्वेद के प्रति विश्वास और रुचि बढ़ी है।
डॉ. शोभालाल औदिच्य का विशेष सम्मान
इस भव्य आयोजन में वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. शोभालाल औदिच्य को विशेष सम्मान दिया गया। उनकी चिकित्सकीय सेवाओं और आयुर्वेद में नवाचार के लिए उन्हें विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. औदिच्य ने समाज में आयुर्वेद की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके अलावा, उनकी लिखी हुई आयुर्वेद की आहार एवं पोषण पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी इस अवसर पर किया गया।
दवा कंपनियों का सम्मान
इस अवसर पर दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें धन्वन्तरि फार्मा, जागृति फार्मा, रसाराज फार्मा, और डाबर के प्रतिनिधि शामिल थे। उन्होंने आयुर्वेद के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए सराहना प्राप्त की।
योग में उत्कृष्ट कार्य का सम्मान
कार्यक्रम में योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले योगियों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इन योगियों ने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए समाज में योग का प्रचार-प्रसार किया है। अतिथियों ने योग के महत्व और इसके लाभों पर प्रकाश डाला।
संचालन का महत्व
कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन डॉ. मनोज कुमार भटनागर ने किया, जिन्होंने समारोह की रूपरेखा को सुगठित और मनोरम बनाया। पुरस्कार वितरण समारोह का संचालन आयुर्वेद के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संजय महेश्वरी द्वारा किया गया, जिसमें सम्मानित व्यक्तियों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न भेंट किए गए।
आयुर्वेद के नवाचार और अनुसंधान पर चर्चा
समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों ने आयुर्वेद के नवीन अनुसंधान, चुनौतियों और नवाचारों पर विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने आधुनिक विज्ञान के साथ आयुर्वेद के एकीकरण और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने के प्रयासों पर जोर दिया।
आभार ज्ञापन
कार्यक्रम के अंत में, डॉ. राजीव भट्ट, उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग उदयपुर ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजन समिति के सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी के योगदान की सराहना की और भविष्य में भी आयुर्वेद के प्रति समर्पण को बनाए रखने का आह्वान किया।