श्वेत रक्त कोशिका की संख्याओं में सामान्य से अधिक कमी होने को ही ल्यूकोपेनिया कहते हैं । विशेष रूप से सामान्य से कम न्यूट्रोफिल होते हैं। न्यूट्रोफिल श्वेत रक्त कोशिकाएँ हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली की रक्षा का कार्य करती हैं। पर्याप्त श्वेत रक्त कोशिकाओं के बिना संक्रमण विकसित करने के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं।
हमारे शरीर में हर दिन शरीर लगभग 100 बिलियन श्वेत रक्त कोशिकाओं (ल्यूकोसाइट्स) का उत्पादन करता है । ल्यूकोसाइट्स शरीर को वायरस और बैक्टीरिया जैसे घुसपैठियों से बचाने में मदद करते हैं जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं । ये न्यूट्रोफिल श्वेत रक्त कोशिकाएँ हैं जो प्रतिरक्षा तंत्र की रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में कार्य करती हैं।
ल्यूकोपेनिया के कारण हो सकते है__
1 .कैंसर की दवाइयों से श्वेत रक्त कोशिकाओं का स्तर कम होता है।
2.अस्थि मज्जा विकार__
मल्टीपल मायलोमा और अप्लास्टिक एनीमिया अस्थि मज्जा में विकार ।
3.स्वप्रतिरक्षी रोग__ल्यूपस जैसा ऑटोइम्यून विकार यानी कुपोषण या कुछ खास विटामिन की कमी और रुमेटीइड गठिया रोग ।
4.संक्रमण__
मानव इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) ।
ल्यूकोपेनिया के लक्षण क्या हैं__
बुखार और ठंड लगना , सूजन और लालिमा , मुँह में छाले , मुँह में लाल या सफ़ेद धब्बे , गले में खराश , गंभीर खांसी या साँस लेने में तकलीफ , पेशाब करते समय दर्द होना या बदबूदार पेशाब आना , दस्त , घाव या घाव जिसमें से मवाद निकलता हो , योनि से असामान्य स्राव या खुजली हो सकती है।
परीक्षण __
1 . रक्त से CBC परीक्षण करके।
2 .मूत्र परीक्षण से संक्रमण के कारण का पता लगाया जाता है।
3.छाती का एक्स-रे से निमोनिया या अन्य बीमारी का पता लगाया जाता हैं।
यूनानी चिकित्सा से उपचार__
1 .संक्रमण से लड़ने के लिए कई तरह के खमीरा का उपयोग करते हैं।
2 .विकास कारक जैसे हब्बे अम्बरी मोमियाई, अर्क माउल लेहम, हब्बे मरवारिद जैसी दवाईयां अस्थि मज्जा को अधिक रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
4 .रक्त विकार में शर्बत फौलाद, शर्बत उन्नाव, हब्बे मुसफ्फी खून आदि दी जाती हैं।
सावधानियां __
1 .अपने हाथों को बार-बार साबुन या अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
2 .फ्लू और COVID-19 के शॉट्स सहित सभी टीकों पर अपडेट रहें।
3 .बीमार लोगों या भीड़भाड़ से बचें ।
4 .खरोंच, फटने या कटने (टैटू और छेदन सहित) जैसी चोटों से बचें, और अगर आपकी त्वचा क्षतिग्रस्त है तो घावों की तुरंत देखभाल करें।
5 .फलों और सब्जियों को धोकर, मांस को अन्य खाद्य पदार्थों से दूर रखकर, स्वच्छ रसोई में भोजन तैयार करके और उचित तापमान पर भोजन पकाकर कीटाणुओं के प्रसार को रोकें।
6 .दूसरों के साथ बर्तन, कप, भोजन या पेय साझा न करें।
7 .दूसरों के साथ तौलिये, रेज़र या टूथब्रश साझा न करें।
8 . अगर आप बागवानी कर रहे हैं या यार्ड में काम कर रहे हैं तो दस्ताने पहनें।
9 . पालतू जानवरों का मल उठाने या नवजात शिशु का डायपर बदलने से बचें।
10 . झीलों, तालाबों, नदियों और हॉट टब से बचें।