GMCH STORIES

चांदीपुरा वायरस प्रकोप से हम कितने सावधान और कैसे बचाव बचें

( Read 2152 Times)

20 Jul 24
Share |
Print This Page
चांदीपुरा वायरस प्रकोप से हम कितने सावधान और कैसे बचाव बचें

चांदीपुरा वायरस क्या है __
                       यह एक RNA वायरस जो सबसे ज्यादा मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है। इसके फैलने के पीछे मच्छर में पाए जाने वाले एडीज मच्छर जिम्मेदार हैं । यह वायरस रोगजनक रैबडोविरिडे परिवार के वैसीकुलो वायरस जीनस का सदस्य है । यह वायरस मच्छरों , टिक्स और सैंडफ्लाइज जैसे वाहक द्वारा फैलता है । यह वायरस ख़ुद के प्रजनन के लिए इन्सानी शरीर की कोशिकाओं और दिमाग़ की कोशिकाओं का उपयोग करता है ।

लक्षण __यह एक दुर्लभ और खतरनाक पैथोजन हैं जिससे सबसे ज्यादा बच्चें, मोटे लोग और गर्भवती महिलाएं संक्रमित होती हैं। इसके संक्रमण से पहले बुखार , बदन दर्द और फ्लू जैसे लक्षण आने लगते हैं बाद में दस्त, उल्टी होने लगती हैं अन्त में फेफड़ों से दिमाग़ की कोशकाओं पर हमला करने से दिमाग़ में सूजन आने लगती हैं जिससे दिमागी बुखार और तेज सिर दर्द होने लगता हैं बाद में मरीज़ कोमा में जा सकता हैं और मौत हो जाती हैं। निदान में देरी और लापरवाही से जान को खतरा हो सकता हैं इसलिए लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी चिकित्सक से तुरन्त परामर्श लें।

बचाव के तरीके __अभी तक इस वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है इसलिए सबसे अहम है घरों में सफ़ाई , घरों में फिनायल से सफ़ाई करवानी चाहिए ताकि मक्खी मच्छरों से बचा जा सके। हाथों को सेनिटाइजर या साबुन से साफ़ करते रहना चाहिए । अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल करना चाहिए । खांसते या छींकते समय रुमाल या टिश्यू पेपर का प्रयोग करते रहें। कोल्ड फ्लू रोगियों से दूरी बना कर रखें । 

 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like