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इंदिरा आईवीएफ की शानदार उपलब्धि, कामयाब आईवीएफ

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19 Jun 24
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इंदिरा आईवीएफ की शानदार उपलब्धि, कामयाब आईवीएफ

उदयपुर : देश में इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट हॉस्पिटल्स के सबसे बड़े नेटवर्क, इंदिरा आईवीएफ ने 150,000 सफल आईवीएफ गर्भधारण की उपलब्धि हासिल की है। इस तरह इंदिरा आईवीएफ ने पिछले तीन वर्षों की अवधि में सफल गर्भधारण की संख्या में दोगुनी वृद्धि की है। इसी अवधि में भारत में 40 नए केंद्र जोड़कर यह उपलब्धि हासिल की गई, जिससे देश में टियर टू और टियर थ्री स्थानों तक इंदिरा आईवीएफ की पहुँच बढ़ गई।

2011 में उदयपुर में एक स्टैंडअलोन अस्पताल के रूप में शुरू होकर, इंदिरा आईवीएफ ने 2021 में 94 केंद्रों के साथ सफल आईवीएफ गर्भधारण की दिशा में 75,000 का आंकड़ा पार किया था। इस तरह आज तक मरीजों की संख्या में 42 प्रतिशत की वृद्धि के साथ गर्भधारण में 100 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। यह उपलब्धि एक ऋण-मुक्त मॉडल, 2,700 ट्रेंड प्रोफेशनल लोगों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उन्नत तकनीक के इस्तेमाल से संभव हो पाई है। इस तरह के सामूहिक प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया है कि औसतन 10 में से 7 जोड़े पॉजिटिव प्रेगनेंसी टेस्ट के साथ वापस लौटते हैं।

इंदिरा आईवीएफ की सफलता का एक प्रमुख कारक इसका रिसर्च एप्रोच भी है, जो डेटा आधारित है। इंदिरा आईवीएफ अपने यहां बड़ी संख्या में आने वाले रोगियों के व्यापक डेटा का सावधानी पूर्वक विश्लेषण करता है, और इस विश्लेषण के आधार पर बांझपन के प्रमुख कारणों और ट्रिगर्स का पता लगाने का प्रयास किया जाता है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में पुरुष बांझपन के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जहां इलाज किए गए कुल जोड़ों में से 61 प्रतिशत में असामान्य शुक्राणु पैरामीटर पाए गए। एंटी-मुलरियन हार्माेन (एएमएच) पर इंदिरा आईवीएफ द्वारा किए गए एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि दक्षिण भारतीय राज्यों में देश के अन्य क्षेत्रों की तुलना में औसत एएमएच स्तर अधिक है। एंटी-मुलरियन हार्माेन (एएमएच) का इस्तेमाल दरअसल महिलाओं में ओवेरियन रिजर्व का मूल्यांकन करने के लिए बायोमार्कर के रूप में किया जाता है।


इंदिरा आईवीएफ के इस डेटा-आधारित दृष्टिकोण से अनेक उद्देश्य पूरे हो जाते हैं- देशभर में बांझपन के मूल कारणों और ट्रिगर्स के बारे में गहन जानकारी प्राप्त करना, बेहतर सफलता दरों के लिए उनके उपचार प्रोटोकॉल को और बेहतर बनाना, साक्ष्य के आधार पर चिकित्सा पद्धतियों को लगातार आगे बढ़ाकर लीडरशिप पोजीशन को कायम रखना, भौगोलिक विविधताओं को समझकर अपनी सेवाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना और परिचालन दक्षता को बढ़ावा देना। इस प्रकार, ऐसा डेटा-संचालित विजन इंदिरा आईवीएफ की सफलता दरों और परिचालन दक्षता को बढ़ाता है, जो रोगी देखभाल के बेहतरीन स्टैंडर्ड को सुनिश्चित करने की कंपनी की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

इंदिरा आईवीएफ की सफलता पर टिप्पणी करते हुए मैनेजिंग डायरेक्टर और को-फाउंडर श्री नितिज मुर्डिया ने कहा, ‘‘150,000 सफल आईवीएफ गर्भधारण के पड़ाव तक पहुंच जाना वाकई एक जबरदस्त उपलब्धि है, और यह हमारी पूरी टीम के समर्पण और विशेषज्ञता के बिना संभव नहीं होता। हम अपने मरीजों द्वारा हम पर कायम किए गए भरोसे के लिए उनके बहुत आभारी हैं। इनफर्टिलिटी के उपचार की दिशा में बाजार में अग्रणी होने के साथ ही कुछ अर्थों में यह उपलब्धि हमें निरंतर यह भी याद दिलाती है कि हमें पूरी जिम्मेदारी के साथ रोगी देखभाल के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना होगा और उन सभी के लिए एक बेहतर माहौल को बढ़ावा देना होगा, जिनकी हम सेवा करते हैं।’’

कंपनी की भविष्य की आकांक्षाओं की चर्चा करते हुए इंदिरा आईवीएफ के सीईओ और को-फाउंडर डॉ क्षितिज मुर्डिया ने कहा, ‘‘150,000 सफल आईवीएफ गर्भधारण की उपलब्धि को हासिल करना हमारे लिए बहुत मायने रखता है। हमारा लक्ष्य इंदिरा आईवीएफ क्लिनिक में आने वाले हर मरीज के लिए सफलता की एक कहानी गढ़ना है। इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट में अग्रणी के रूप में, हम अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पहचानते हैं और प्रत्येक ऐसी उपलब्धि के साथ सस्टेनेबिलिटी के लिए खुद को प्रतिबद्ध करते हैं। हमारे प्रयासों का उद्देश्य एक स्वस्थ और अधिक न्यायसंगत दुनिया में योगदान करना है। इन मूल्यों को अपने मिशन के साथ जोड़ते हुए हम न केवल अपने रोगियों के लिए, बल्कि व्यापक समुदाय और भावी पीढ़ियों के लिए भी सकारात्मक प्रभाव कायम करने का प्रयास करते हैं।’’

रोगी देखभाल, अत्याधुनिक तकनीक और सभी के लिए आसान पहुंच के प्रति इंदिरा आईवीएफ की अटूट प्रतिबद्धता ने कंपनी को भारत के बांझपन उपचार परिदृश्य में अग्रणी देखभाल प्रदाता के रूप में स्थापित किया है। कंपनी का भौगोलिक विस्तार अगले तीन वर्षों में भारत में 300 केंद्रों तक बढ़ने की राह पर है, जिसमें इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।


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