उदयपुर में समाज की सोच को एक नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है, जहां पहली बार 30 वर्ष के प्रणय अनुबंध के साथ 11 जोड़े वैवाहिक जीवन की शुरुआत करेंगे। यह विवाह किसी भी तरह के खर्च के बिना, पूर्णतः निःशुल्क रूप से संपन्न होगा।
इस अनूठी पहल के सूत्रधार आकाश बागड़ी ने जानकारी दी कि विवाह आयोजन में दोनों पक्षों से एक भी रुपया नहीं लिया जाएगा। वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अधिवक्ता निर्मल पंडित ने कहा कि यह आयोजन प्रेम, प्रतिबद्धता और सामाजिक ज़िम्मेदारी को महत्व देने की एक नई सोच को जन्म देगा।
17मई को बारात बोहरा गणेश मंदिर से रवाना होगी, जो सुखाड़िया विश्वविद्यालय होते हुए सत्यम गार्डन पहुंचेगी, जहां विवाह की सभी रस्में पूरी की जाएंगी।
हर जोड़े के साथ 10 मेहमानों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। साथ ही एक सांस्कृतिक संध्या "एक शाम दुर्गा के नाम" कार्यक्रम के रूप में आयोजित की जाएगी।
प्रत्येक वधू को विवाह के बाद ₹21,000 की एफडी भेंट की जाएगी, जो एक सशक्त और आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में प्रेरक कदम होगा।
इस भव्य आयोजन को 10,000 से अधिक लोग साक्षी बनकर देखेंगे। सामाजिक योगदान के तहत आयोजकों ने एमएलएसयू के नेहरू हॉस्टल परिसर में एक वाटर कूलर भी स्थापित किया है, जहां फैशन डिजाइनिंग सीख रही युवतियाँ अध्ययन कर रही हैं।
साथ ही, 129 महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिनमें से 70 महिलाओं को निःशुल्क सिलाई मशीनें वितरित की जाएंगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
यह आयोजन विवाह की परंपरागत खर्चीली सोच को बदलते हुए एक सादगीपूर्ण, गरिमामय और समर्पण से परिपूर्ण वैवाहिक जीवन की मिसाल पेश करेगा।