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पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस बैठक में पाकिस्तान के विरुद्ध कड़े फैसले

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24 Apr 25
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पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस बैठक में पाकिस्तान के विरुद्ध कड़े फैसले

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ 1960 के सिंधु जल संधि समझौते को स्थगित करने के साथ ही पांच कड़े फैसले लिए है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार सख्त एक्शन में आ गई है। भारत ने पाकिस्तान को अल्टीमेटम दिया है कि वे एक हफ्ते में भारतीय उच्चायोग खाली करें। पहलगाम हमले को लेकर केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इसमें मौजूद रहेंगे।

अनंतनाग पुलिस ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों के बारे में कोई भी सूचना देने पर 20 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है। जम्मू कश्मीर सरकार ने आतंकी हमले में मृतकों के परिजनों के लिए और घायलों के लिए अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।  कश्मीर घाटी में आतंकी हमले के विरोध में बुधवार को बंद का ऐलान किया गया था जोकि सफल रहा है। पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे। द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने मंगलवार की त्रासदी की जिम्मेदारी ली है। ये हाफिज सईद द्वारा स्थापित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने बुधवार को अपनी ढाई घंटे से अधिक लम्बी चली अहम बैठक में भारत अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अपनी प्रतिक्रिया की रूपरेखा तैयार की। यह समिति रक्षा नीति, व्यय और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर महत्वपूर्ण चर्चाओं और निर्णयों के लिए जिम्मेदार है। इसके सदस्यों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर शामिल हैं। यह कमेटी भारत सरकार की सभी आठ कैबिनेट कमेटियों में से सबसे अहम सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति है। पहलगाम में आतंकवादी हमले की खबर मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना सऊदी अरब दौरा बीच में ही छोड़ दिया और बुधवार सुबह ही भारत पहुंच गए। सीसीएस का हिस्सा रही केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अमेरिका और पेरू की अपनी आधिकारिक यात्रा को छोटा कर भारत लौटी। उनके अलावा इस समिति की बैठक  में डॉ एस. जयशंकर, राजनाथ सिंह और अमित शाह भी मौजूद रहें। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर मंगलवार को ही कश्मीर घाटी पहुंच गए थे।

सीसीएस की बैठक में भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद बड़ा एक्शन लेते हुए पांच बड़े फैसले किए है जिसके अन्तर्गत पाक नागरिकों के भारतीय वीजा पर तत्काल रोक लगा दी है । साथ ही नई दिल्ली स्थित पाक हाई कमीशन और पंजाब की सीमा पर अटारी-बाघा बॉर्डर बंद करने के आदेश जारी कर दिए है। पाकिस्तान पर भारत सरकार ने  जो कड़े फैसले लिए हैं उसके बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, पाकिस्तानी नागरीक 48 घंटे में भारत से वापस अपने देश  चले जाएं। साथ ही एक हफ्ते में नई दिल्ली से पाकिस्तान उच्चायोग भी खाली कर दिया जाए। पहलगाम हमले के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि,नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य,नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है और उनके पास भारत छोड़ने के लिए अब केवल एक सप्ताह का समय शेष है। इसी प्रकार इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से भारतीय अधिकारियों को वापस भारत बुला लिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से भी अपने रक्षा, नौसेना और वायु सेना के अफसरों को वापस देश बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे।

इसी प्रकार पाकिस्तानी नागरिकों को अब सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी प्रकार के वीजा को तत्काल प्रभाव से रद्द माना जाएगा । एसपीईएस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए अब सिर्फ 48 घंटे का समय है।

सीसीएस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि, 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से तब तक स्थगित रखा जाएगा जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता। जो लोग नियम के तहत सीमा पार कर भारत से पाकिस्तान गए वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस देश आ सकते हैं।

पहलगाम आतंकी हमले से पैदा हुई दशहत के कारण जम्मू कश्मीर के पर्यटन उद्योग को गहरा धक्का लगने की आशंका पैदा हो गई है। आतंकी हमले के साथ ही इसकी शुरुआत भी हो गई है। गर्मियों के पर्यटन सीजन में भारी संख्या में कश्मीर वैली पहुंचे देश विदेश के सैलानी वापस वहां से अपने अपने गंतव्य स्थानों पर लौटने लगे है और कई देशी विदेशी पर्यटकों ने अपनी अपनी टूर बुकिंग भी रद्द करवा दी है। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों में इससे भारी निराशा व्याप्त है । मायूस लोगों का कहना है कि कश्मीर घाटी में स्थिति सामान्य होने के बाद पर्यटन उद्योग गुलजार हुआ था लेकिन आतंकी घटना ने पटरी पर लौटे पर्यटन पर कुठाराघात कर दिया है और इससे पर्यटन उद्योग को भारी धक्का लगा है । अब हालात सामान्य होने पर ही कश्मीर घाटी में पर्यटकों की बहार फिर से शुरू हो सकेगी।

जम्मू कश्मीर के साथ ही भारत के अन्य सभी पर्यटन स्थलों विशेष कर राजस्थान  और गुजरात से सटी भारत पाक के सीमावर्ती जिलों में भी किसी भी अनहोनी के साथ भय और डर का वातावरण पैदा हो गया है। हालांकि केन्द्र और राज्य सरकार की पुलिस और सतर्कता एजेंसियों द्वारा स्थित पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है लेकिन हर कोई पाक के नापाक इरादों से आशंकित,भयभीत और सहमा हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि भारत सरकार ने कहा है कि भारत,पाकिस्तान के कुत्सित मंसूबों को कभी पूरा नहीं होने देगा और पहलगाम के चली हर गोली का हिसाब चूकता कर निर्दोष एवं मासूम पर्यटकों की मौत का बदला लिया जाएगा।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने पहलगाम की घटना के मद्दे नजर प्रदेश के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक लेकर स्थिति की समीक्षा की है और सीमावर्ती इलाकों ने विशेष सतर्कता और निगरानी की हिदायत दी है। राजस्थान  के साथ ही अन्य प्रदेशों की सरकारों को भी भारत सरकार के निर्णयों और निर्देशों के अनुरूप एक्शन लेकर देशवासियों का मनोबल बढ़ाना होगा।


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