(mohsina bano)
जयपुर। राजस्थान सरकार के कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग ने प्रदेश में चल रहे ‘राजस्थान का साहित्यिक आंदोलन’ में विभाग से जुड़ी समस्त अकादमियों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। यह निर्देश शासन उप सचिव बृजमोहन नोगिया द्वारा पत्र क्रमांक प.31 (1) क.स/2023-00185, दिनांक 1 जुलाई 2025 को जारी किए गए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार अनिल सक्सेना ‘ललकार’ के नेतृत्व में प्रदेश के सभी जिलों और उनकी पंचायतों तक निरंतर चल रहे इस साहित्यिक अभियान को लेकर शासन ने अकादमियों के अधिकारियों को सक्सेना व शाश्वत सक्सेना से समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी दिए हैं।
राजस्थान का साहित्यिक आंदोलन - एक परिचय
साल 2010 से प्रदेशभर में चल रहे ‘राजस्थान का साहित्यिक आंदोलन’ का उद्देश्य भारतीय साहित्य को प्रोत्साहित करना, कला-संस्कृति को संरक्षित करना तथा साहित्यिक वातावरण का विस्तार करना है।
इस आंदोलन के अंतर्गत श्री अनिल सक्सेना द्वारा प्रदेश के कोने-कोने में जाकर गोष्ठियां, व्याख्यान, कार्यशालाएं, पुस्तक चर्चाएं, साहित्य महोत्सव, पुस्तक मेले, लेखक संवाद जैसे विविध आयोजन किए जा रहे हैं।
गत 14 वर्षों में यह आंदोलन हर जिले में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है और अब यह ग्राम पंचायत स्तर तक पहुंचने की दिशा में अग्रसर है, जिससे राजस्थान में साहित्यिक जागरूकता की नई लहर उठ रही है।