..... उदयपुर. बहुत कम आयोजन ऐसे होते हैं जिनके मंच पर 10 साल की उम्र से लेकर 100 साल तक की प्रतिभाओं को चुनकर एक साथ सम्मानित किया जाता है। लेकिन झीलों की नगरी में एक कार्यक्रम ऐसा सम्पन्न हुआ जहां शिल्प, शिक्षा, साहित्य, स्वरोजगार, प्रशिक्षण और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी बीसियों शख्सियतों का नागरिक अभिनंदन किया गया। मौका था सुखाड़िया विश्व विद्यालय अतिथि सभागार में राजस्थान संस्कृति एवम साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित उदयपुर रत्न सम्मान समारोह की पांचवीं कड़ी का। जहां कैप्टन विक्रम बत्रा (दिल्ली) मेजर दीक्षांत थापा (पठानकोट) कैप्टन अंशुमान सिंह (लखनऊ), कर्नल मनप्रीत सिंह (चंडीगण),कैप्टन शुभम् गुप्ता (आगरा) कुल पांच शहीदों को मरणोपरांत सम्मानित कर गौरव प्रदान किया गया। जिस पल उनके परिजनों को खचाखच भरे सभागार में खड़े होकर गरिमापूर्ण सम्मान प्रदान किया, उस दौरान हर आंख नम थीं लेकिन मन में शहीदों और वीर परिवारों के प्रति आदर भाव की गहरी चमक भी थीं। साथ ही शहीद मेजर मुस्तफा के मातापिता भी इस अवसर पर उपस्थित हुए ।इन सबको मिला उदयपुर रत्न सम्मान स्व मोहनलाल श्रीमाली लाइफटाईम अचीवमेंटमरणोपरांत (हल्दीघाटी म्यूजियम), हर्ष छाजेड़ लाइफटाइम अचीवमेंट, डॉ कुमुद पुरोहित (शिक्षा), ध्रुव कुमावत (शिक्षा), अनिल सिंह शेखावत (शिक्षा),दुर्गा राम (समाजसेवा), डॉ रजनीश जैन (समाजसेवा), डिंपल भावसार (समाजसेवा), रमेश चंद्र नागदा (स्पेशल अचीवमेंट), महक बंसल(स्पेशल अचीवमेंट ),आशीष कपूर (स्पेशल अचीवमेंट),लोकेश भट्ट (कवि इव साहित्य ),पवन कुमार टेलर (समाजसेवा), मायरा त्यागी (यंग अचीवर), अनिंदिता शाक्य (यंग अचीवर), कियाना परिहार (स्पोर्ट्स) उम्र 10 वर्ष , डॉ मुनमुन शर्मा (वुमन वेलफेयर),शालिनी चौधरी (वुमन वेलफेयर)। इस ख़ास मौके पर मुख्य अतिथि रिटायर्ड मेजर जनरल डॉ गगनदीप बक्शी,विशिष्ठ अतिथि कर्नल एस एस सारंगदेवोत,अति विशिष्ट अतिथि महाराज श्री रणधीर सिंह भींडर, उपस्थित रहे। अध्यक्षता प्रो डॉ विजया लक्ष्मी चौहान ने की। डॉ अंजू गिरी , डॉ हेमलता राठौड़, डॉ अल्पना सिंह गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में मौजूद रहे । नीरो फूड एंड वेबरेज,अनुष्का एकेडमी, एनिमेटर एकेडमी,आई सी ए, सक्सेस कोचिंग सेंटर,कमल स्टूडियो, ढाणी ट्यूअर्स,सीटी प्राइड स्कूल, भामाशाह के रूप में उपस्थित रहे ।संस्थापक अध्यक्ष रोहित बंसल ने बताया कि प्रति वर्ष आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज और आसपास क्षेत्र से ऐसी प्रतिभाओं को चुनकर सम्मानित करना है जो या तो गुमनामियों के अंधेरों में खोई है या जिनको अपनी पहचान बनाने का कभी कोई मंच नहीं मिलता। इतना ही नहीं, इसका दूसरा पहलू यह भी है कि ऐसी सम्मानित शख्सियतों से औरों को भी प्रेरणा मिले। कार्यक्रम संचालन भावना व्यास ने किया। महासचिव प्रिंकेश जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संस्थान की और से नीरज सनाढ्य ,गोपेश परिहार ,स्वास्तिक चौहान ,शुभम् सेन ,मधु ओदीच्य, रमा मल्होत्रा,प्रीति मल्होत्रा, डॉ भरत सिंह राव,राकेश जैन, विजय लक्ष्मी चौहान,दिलीप बंसल ,आशा बंसल,गुंजन ,कार्तिक जैन ,अपूर्वा एवं कीर्ति उपस्थित रहे ।
मेजर जनरल गगनदीप बक्शी ने कार्यक्रम को देख कर अपने विचार व्यक्त किए कि कार्यक्रम तो ढेरो आयोजित किए जाते हैं लेकिन सुसज्जित और एक सौहार्द ,गरिमामय कार्यक्रम आयोजित करना कठिन होता है जो इस संस्थान ने के दिया ,जनरल बक्शी ने कहा जितना खूबसूरत ये शहर है उतना ही खूबसूरत ये कार्यक्रम है उन्होंने अपनी ढेरी बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की ।साथ ही बक्शी ने कहा कि सेना में सर धक कर नहीं सर उठा कर जाना पड़ता है न जाने कब किस गोली पर हमारा नाम लिखा हो।