राजस्थान दिवस 2025 के भव्य समारोह के तहत प्रदेश के 50 प्रमुख सोशल मीडिया क्रिएटर्स को मुख्यमंत्री आवास पर आमंत्रित किया गया। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के साथ राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, इतिहास और भाषाई विविधता पर गहन विचार-विमर्श हुआ। डूंगरपुर निवासी मेहुल चौबीसा ने इस प्रतिष्ठित मंच पर वागड़ क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और वागड़ी भाषा के प्रचार-प्रसार को लेकर मुख्यमंत्री से सार्थक संवाद किया।
सोशल मीडिया पर 'वागड़ नो जमाई' के नाम से लोकप्रिय मेहुल चौबीसा वागड़ी भाषा में हास्य वीडियो बनाकर क्षेत्रीय भाषा को नई पहचान दे रहे हैं। उनके फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों पर कुल मिलाकर ढाई लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो उनकी लोकप्रियता और वागड़ी भाषा की बढ़ती स्वीकृति को दर्शाते हैं।
राजस्थान दिवस के इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी से उनकी भेंट हुई, जहां उन्होंने वागड़ी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री जी ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लोकभाषाओं को संरक्षित करना हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के समान है, और सरकार इस दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बैठक के दौरान राजस्थान की अन्य लोकबोलियों के संरक्षण और उनके संवर्धन को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया।
इस सम्मान को पाकर मेहुल चौबीसा ने इसे अपने जीवन का अविस्मरणीय क्षण बताया और मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि केवल उनकी नहीं, बल्कि पूरे वागड़ क्षेत्र और वागड़ी भाषा से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान है। उनके परिवार और समर्थकों में हर्ष का माहौल है, वहीं सोशल मीडिया पर भी इस ऐतिहासिक मुलाकात की चर्चा जोरों पर है।
राजस्थान दिवस के इस अवसर पर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने के लिए यह पहल बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जहां आधुनिक माध्यमों के जरिए लोकभाषाओं को जीवंत बनाए रखने का संकल्प दोहराया गया।