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दिल्ली की भाजपा सरकार जनता से कोई वायदे पूरे कर कैसे देश की राजधानी को विश्व का सबसे सुन्दर और स्वच्छ शहर बनाएंगी?

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26 Mar 25
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दिल्ली की भाजपा सरकार जनता से कोई वायदे पूरे कर कैसे देश की राजधानी को विश्व का सबसे सुन्दर और स्वच्छ शहर बनाएंगी?

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

 

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया हैं। भाजपा की नई सरकार ने मंगलवार को 27 वर्षों बाद विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया जिसमें बिजली, सड़क, पानी और संपर्क सहित 10 क्षेत्रों पर फोकस किया गया है लेकिन चुनाव घोषणाओं को पूरा करने विशेष कर यमुना की सफाई और दिल्ली की सड़कों की मरम्मत के साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य से जुड़ी और अन्य घोषणाओं को पूर्ण करने की कसौटी पर भाजपा सरकार को खरा उतरना पड़ेगा।

 

 

इधर दिल्ली के बजट को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ऐतिहासिक बजट बताते हुए पिछले आम आदमी पार्टी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब भ्रष्टाचार का दौर खत्म हो गया है। 

 

दिल्ली सरकार के बजट में कई नए और महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सुधार के लिए कई योजनाएं और परियोजनाएं शामिल हैं।

 

बजट में महिला समृद्धि योजना  के तहत 5,100 करोड़ रु का प्रावधान किया गया है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

इसी प्रकार यमुना नदी की सफाई के लिए 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे नदी के प्रदूषण को कम किया जा सके।

इसके अलावा झुग्गी-झोपड़ियों का विकास और जेजे क्लस्टरों के विकास के लिए 696 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार किया जा सके।

पानी की समस्या का समाधान करने के लिए इमरजेंसी वाटर स्टोरेज के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, साथ ही वाटर बॉडीज के पुनरुद्धार के लिए 50 करोड़ और रेन वाटर हारवेस्टिंग के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

 स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आयुष्मान योजना के तहत 2144 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।

 

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि रेखा गुप्ता ने दिल्ली के लिए भले ही एक लाख करोड़ रुपये के बजट के ऐलान के साथ बड़े-बड़े वादे कर दिए हों, लेकिन इन्हें पूरा करने की राह आसान नहीं होगी। सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि पिछली साल आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान कितना बजट आवंटन किया गया था? दिल्ली सरकार का अनुमानित कर राजस्व 2024-25 में 58,750 करोड़ रुपये था, जबकि कुल बजट 76,000 करोड़ रुपये था। इस साल बजट को बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये करने के लिए सरकार को अतिरिक्त 24,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। मौजूदा राजस्व वृद्धि दर (9-10% सालाना) के हिसाब से यह लक्ष्य हासिल करना मुश्किल है।

 

 

दरअसल दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, जो बाजार से सीधे उधार नहीं ले सकता। बजट में छोटी बचत ऋण (15,000 करोड़ रुपये) और केंद्र से अनुदान (7,348 करोड़ रुपये) शामिल हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं हो सकता। अगर व्यय बढ़ता है और राजस्व नहीं बढ़ा, तो दिल्ली राजस्व अधिशेष से घाटे की ओर जा सकती है। वित्त विभाग ने पहले ही आप सरकार के 4,560 करोड़ रुपये के महिला सम्मान योजना को लेकर चेतावनी दी थी कि यह घाटे को बढ़ा सकता है। वहीं अब बीजेपी की महिला समृद्धि योजना (5,100 करोड़ रुपये) और अन्य सब्सिडी योजनाएं इस जोखिम को और बढ़ा सकती हैं।

 

दिल्ली का बजट पेश करते वक्त सीएम रेखा गुप्ता ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार बस बड़े-बड़े वादे करती थी, लेकिन हम वादों को पूरा करने का काम करते हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कई बड़े-बड़े वादे किए। अब ये वादे सरकार के लिए पूरा करना आसान नहीं होगा। बीजेपी ने दिल्ली में महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक सहायता, गर्भवती महिलाओं को 21,000 रुपये, बुजुर्गों के लिए पेंशन में वृद्धि और मुफ्त शिक्षा जैसे वादे किए। इन वादों को पूरा करने के लिए भारी धनराशि की जरूरत है।

 महिला समृद्धि योजना के तहत 38 लाख महिलाओं को 2500 रुपये मासिक देने के लिए सालाना 11,400 करोड़ रुपये चाहिए। बजट में इसके लिए 5,100 करोड़ रुपये ही रखे गए हैं, जो आधे से भी कम है। इसके अलावा दिल्ली में 24.4 लाख वरिष्ठ नागरिक हैं। उनकी पेंशन के लिए 2,500 रुपये (60-70 साल) और 3,000 रुपये (70 से ऊपर) देने के लिए 4,100 करोड़ रुपये सालाना

 

 वहीं यमुना सफाई पर पहले ही 8,000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन नतीजे नहीं दिखे। इस बार यमुना सफाई के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि पूरी सफाई के लिए हजारों करोड़ रुपये और दीर्घकालिक योजना चाहिए। अस्पतालों के 10,200 करोड़ और मेट्रो विस्तार के लिए 2,700 करोड़ रुपये चाहिए। इन योजनाओं के लिए फंड जुटाने के लिए मौजूदा सब्सिडी (मुफ्त बिजली, पानी, बस यात्रा - 10,995 करोड़ रुपये) या पूंजीगत व्यय में कटौती करनी पड़ सकती है, जो जनता में असंतोष पैदा कर सकती है।

 

देखना है दिल्ली की भाजपा सरकार जनता से कोई वायदे पूरे कर कैसे देश की राजधानी को विश्व का सबसे सुन्दर और स्वच्छ शहर बनाएंगी।


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