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 पर्यटनके लिए राजस्थान की विश्व प्रसिद्ध झीलों का संरक्षण जरूरी

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25 Mar 25
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 गोपेन्द्र नाथ भट्ट

 

राजस्थान की विश्व प्रसिद्ध झीलें प्रदेश के पर्यटन का मुख्य आधार है लेकिन इन झीलों की कतिपय समस्याएं एक गंभीर मुद्दा है, जो न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए भी चुनौतीपूर्ण है। राजस्थान में कई झीलें हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख झीलें माउंट आबू की नक्की  झील, उदयपुर की पिछोला झील,स्वरूप सागर झील,फतेह सागर झील, उदय सागर झील,राजसमंद और जयसमंद झील,जयपुर के पास सांभर झील, अजमेर की आना सागर झील, डूंगरपुर की गैप सागर झील पुष्कर झील आदि शामिल हैं।

 

इन झीलों की  अपनी समस्याएं  हैं जिसमें प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है।राजस्थान की यह झीलों  में औद्योगिक, घरेलू और कृषि अपशिष्टों से प्रदूषित हो रही हैं। यह प्रदूषण झीलों के पानी को दूषित कर रहा है, जिससे जलीय जीवन और स्थानीय समुदायों के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है।

 

 

इसके अलावा इन झीलों के जल स्तर में कमी

भी एक बड़ी समस्या है। यह कमी जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक जल दोहन और अनियमित वर्षा के कारण हो रही है। जल स्तर में कमी से झीलों का जलीय जीवन प्रभावित हो रहा है।

 

इसके साथ ही झीलों का अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। झीलों के आसपास के क्षेत्रों में अवैध निर्माण और अतिक्रमण से झीलों का जलीय जीवन और पर्यावरण प्रभावित हो रहा है।

 

इन झीलों में जलीय जीवन की कमी एक दूसरी बड़ी समस्या है। झीलों में जलीय जीवन की कमी प्रदूषण, जल स्तर में कमी और अतिक्रमण के कारण हो रही है। जलीय जीवन की कमी से झीलों का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है।

 

राजस्थान की झीलों की समस्याएं स्थानीय समुदायों के लिए भी चुनौतीपूर्ण हैं। झीलों के प्रदूषण, जल स्तर में कमी और अतिक्रमण से स्थानीय समुदायों के जीवन और आजीविका प्रभावित हो रही है।

 

राजस्थान की झीलों की इन समस्याओं का समाधान करने के लिए भारत सरकार राज्य सरकार और स्थानीय निकाय प्रयास कर रहे है तथा सरकारी मदद भी मिल रही है।

 

इन  झीलों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए औद्योगिक, घरेलू और कृषि अपशिष्टों का प्रबंधन करना आवश्यक है। झीलों में जल स्तर में वृद्धि के लिए जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करना, अत्यधिक जल दोहन को रोकना और अनियमित वर्षा को नियंत्रित करना आवश्यक है।

साथ ही  झीलों पर अतिक्रमण को रोकने के लिए अवैध निर्माण और अतिक्रमण को रोकना भी आवश्यक है। झीलों में जलीय जीवन की सुरक्षा के लिए प्रदूषण, जल स्तर में कमी और अतिक्रमण को नियंत्रित करना आवश्यक है।

-झीलों की समस्याओं का समाधान करने के लिए स्थानीय समुदायों की भागीदारी आवश्यक है।

 

हाल ही विश्व जल दिवस मनाया गया है जिसमें जल संरक्षण और नदियों तालाबों और झीलों की सुरक्षा पर चिंता जताई गई थी 

 देखना है राजस्थान सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाएंगी।


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