अदाणी फाउंडेशन ने विश्व जल दिवस 2025 पर जल संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस वर्ष की थीम 'ग्लेशियर संरक्षण' है, जो जल सुरक्षा में ग्लेशियरों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।
ग्लेशियर पृथ्वी के मीठे जल का प्रमुख स्रोत हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इनका तेजी से पिघलना जल संकट को बढ़ा रहा है। ऐसे में, स्थानीय स्तर पर जल संरक्षण प्रयास वैश्विक जल सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं।
अदाणी फाउंडेशन की चेयरमैन श्रीमती (डॉ.) प्रीति अदाणी के नेतृत्व में राजस्थान के जल-संकटग्रस्त जिलों—बाड़मेर और जैसलमेर—में प्रभावी जल संरक्षण कार्य किए जा रहे हैं। 2022-23 से 51 गाँवों के 53 तालाबों का पुनरुद्धार कर उनकी जल संग्रहण क्षमता 3.8 लाख घन मीटर तक बढ़ाई गई है।
राजस्थान जैसे शुष्क क्षेत्र में जल संकट न केवल मानव जीवन बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी चुनौती है। अदाणी फाउंडेशन के प्रयासों से न केवल जल उपलब्धता में सुधार हुआ है, बल्कि जैव विविधता को भी बढ़ावा मिला है। पारंपरिक जल निकायों के पुनरुद्धार से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में भी मदद मिल रही है।