उदयपुर। बहुचर्चित 1.83 करोड़ रिश्वत कांड में हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब एनआरआई नीरज पूर्बिया सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारी जितेंद्र आंचलिया की 482/3387 याचिका खारिज कर दी, जिससे उनकी बहाली पर संकट गहरा गया है। पूर्बिया ने इस फैसले को सही तो बताया, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों की अनदेखी का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की घोषणा की।
लेकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्बिया ने कहा कि हाईकोर्ट ने एसीबी डीजी के वायरल ऑडियो को रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बनाया, जबकि यह केस की अहम कड़ी साबित हो सकता था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस ऑडियो में एसीबी डीजी ने उच्च स्तर से दबाव की बात स्वीकारी थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी गवाही को प्राथमिकता दी और ऑडियो साक्ष्य को नजरअंदाज कर दिया।
गौरतलब है कि यह मामला 2022 से चर्चा में है, जब कुवैत में रहने वाले सॉफ्टवेयर डेवलपर नीरज पूर्बिया ने डीवाईएसपी जितेंद्र आंचलिया और उनके साथियों पर 1.83 करोड़ रुपये की जबरन वसूली का आरोप लगाया था। एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने 10 फरवरी 2023 को आंचलिया समेत चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
पूर्बिया ने कहा कि एसीबी की पहली जांच में आरोपियों को दोषी ठहराया गया था, लेकिन 2024 में आई दूसरी रिपोर्ट में राजनीतिक दबाव के चलते उन्हें निर्दोष बताया गया। उन्होंने कोर्ट में पेश किए गए ऑडियो सबूत का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें एसीबी डीजी स्पष्ट रूप से स्वीकार कर रहे हैं कि जांच को प्रभावित किया गया है।
नीरज पूर्बिया ने इसे न्यायिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास बताया और कहा कि वह इस अन्याय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने दोहराया कि दोबारा जांच का उद्देश्य आरोपी को बचाना था और यह राज्य मशीनरी में गहरे भ्रष्टाचार का संकेत देता है। सुप्रीम कोर्ट में अपील के जरिए वह निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे, ताकि सच सामने आ सके।