मुझे याद है कि रवीना टंडन की शादी को सिटी पैलेस में करवाना और उसके बाद बॉलीवुड और हॉलीवुड को उदयपुर में डेस्टिनेशन वेडिंग और फिल्म शूटिंग के लिए आकर्षित करने का जो प्रयास किया, शहर के पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
श्रीजी हुजूर को सिनेमा से गहरा लगाव था। अशोका सिनेमा अवॉर्ड के समय श्री जी से मिलना हुआ था। वे सिनेमा को बहुत अच्छी तरह समझते थे और कलाकारों का बहुत सम्मान करते थे। हमे इसी सिलसिले में उनके साथ लंबा वक्त बिताने का मौका मिला।
सिटी पैलेस में मिर्ज़्या फिल्म की शूटिंग चल रही थी, उसी दौरान क्रू मेंबर्स के लंच की जगह को लेकर कोई समस्या उत्पन्न हुई। श्री जी ने तत्काल अतिथि देवो भव की परम्परा को निर्वाह करते हुए शंभू पैलेस के सामने यूनिट मेंबर्स के लिए लंच की विशेष व्यवस्था करवा दी।
ऐसा ही एक वाकया शिकारबाड़ी का भी है, जहां फिल्म की शूटिंग चल रही थी। एक दृश्य में घोड़ों का उपयोग किया जाना था, जिसके लिए बाहर से कुछ जानवर मंगाने पड़े। इस पर श्रीजी हुजूर ने चिंता जाहिर की कि कहीं बाहर से आए जानवरों से स्थानीय जानवरों को कोई बीमारी न लग जाए। उन्होंने डॉक्टर की निगरानी में सभी जानवरों की जांच करवाई और फिर उन्हें शूटिंग में इस्तेमाल किया गया।
श्रीजी हुजूर अरविंद सिंह जी को बच्चों से भी विशेष लगाव था। एम स्क्वायर प्रोडक्शन की स्वतंत्रता दिवस पर आधारित एक शूटिंग में लगभग 2 हजार बच्चे शामिल थे। सभी की इच्छा थी कि इस देशभक्ति गीत में श्रीजी हुजूर भी नजर आएं। जब हमने उनसे अनुरोध किया, तो वे सहर्ष राजी हो गए, और उनकी उपस्थिति से शूटिंग का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
श्रीजी हुजूर अरविंद सिंह जी ने उदयपुर के पर्यटन को शिखर तक तो पहुंचाया ही, उन्होंने कला एवं संस्कृति को सहेजने का भी काम किया। समाजसेवा के कार्यों में भी उनका सहयोग सदैव आगे रहा था। उनका देहांत न सिर्फ मेवाड़ बल्कि समूचे प्रदेश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। श्रीजी हुजूर अरविंद सिंह जी हमारी स्मृति में सदैव विद्यमान रहेंगे।