वाराणसी, उ.प्र में 22 फरवरी से 25 फरवरी तक आयोजित 5वें अंतर्राष्ट्रीय योगिनी अवार्ड एवं अंतरराष्ट्रीय महिला योग सम्मेलन में राजस्थान की सुप्रसिद्ध योगाचार्य डॉ. शुभा सुराणा को 'National Yogini Awardee' से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें योग के क्षेत्र में विगत 20 वर्षों से समर्पित भाव से सेवा और विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रदान किया जाएगा।
जानकारी देते हुए सन कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. प्रीति धुप्पड़ ने बताया कि
इस भव्यता पूर्ण अवार्ड समारोह और ऐतिहासिक कार्यक्रम में पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती, पूज्य डॉ. एच. आर. नागेंद्र, पूज्य साध्वी भगवती जी, माननीय केंद्रीय मंत्री श्रीमती सवित्री ठाकुर, एवं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के प्रतिष्ठित विद्वानों सहित कई गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति रहेगी। योग एवं अध्यात्म के क्षेत्र में यह आयोजन महिला सशक्तिकरण एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
डॉ. शुभा सुराणा की विशिष्ट उपलब्धियां
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (MLSU) से योग में पहली पीएच.डी. धारक
MLSU विश्वविद्यालय के योग केंद्र में 8 वर्षों तक अतिथि व्याख्याता के रूप में कार्य,
2017 से गांधी ग्राउंड, उदयपुर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह की मेजबानी (3000+ प्रतिभागी प्रति वर्ष)
26 जनवरी 2018 को जिला प्रशासन द्वारा योग क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित
भारत में आयोजित पहले G20 शेरपा बैठक में विशेष अतिथि के रूप में MLSU का प्रतिनिधित्व
11+ शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित,आईएसबीएन एवम स्कॉपस इंडेक्स्ड जर्नल में चैप्टर्स,
ताज लेक पैलेस, वंडर सीमेंट, डीपीएस,NCC सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों में योग सेवाएँ
होटल्स, कॉर्पोरेट ऑफिस, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी संगठनों के लिए योग प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन।
डॉ. शुभा सुराणा की योग यात्रा वर्ष 2004 में शुरू हुई जब उन्होंने योग शिक्षा में डिप्लोमा प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने योग को केवल व्यक्तिगत अभ्यास तक सीमित न रखकर इसे समाज तक पहुँचाने का संकल्प लिया। विगत 20 वर्षों के समर्पण के माध्यम से उन्होंने हजारों छात्रों, चिकित्सकों और साधकों को योग की शिक्षा दी।
योग शिक्षा के क्षेत्र में UGC-NETके साथ मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से पहली बार योग में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त करने वाली पहली महिला बनकर उन्होंने इतिहास रच दिया। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर प्रयास के साथ, वे भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष योग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने पर कार्य कर रही हैं। उनका मानना है कि योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि सम्पूर्ण जीवनशैली है जो सभी के लिए आवश्यक है।
योगिनी अवार्ड समारोह में 'योग और महिलाओं का स्वास्थ्य' विषय पर एक विशेष परिचर्चा आयोजित की जाएगी, जिसमें भारत और विदेशों से कई महिला योग गुरुओं का सहभाग रहेगा। चर्चा में इस बात पर जोर दिया जाएगा कि कैसे योग महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
डॉ. शुभा सुराणा का कहना है:
"महिलाओं के जीवन में योग का समावेश न केवल उनके शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी सशक्त बनाता है।"
डॉ. सुराणा की योजना है कि वे योग शिक्षा को ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचाएँ और अधिक से अधिक महिलाओं को योग की ओर प्रेरित करें। वे ग्रामीण महिलाओं के लिए मुफ्त योग शिविर, ऑनलाइन योग कोर्सेस, और कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए विशेष योग वर्कशॉप शुरू करने पर भी कार्य कर रही हैं।
इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय योगिनी अवार्ड समारोह ऐतिहासिक रूप से भव्य और सफल रहने वाला है। वाराणसी और प्रयागराज के ऐतिहासिक स्थलों पर आयोजित इस आयोजन में भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी कई प्रतिष्ठित योग साधकों, विशेषज्ञों और गणमान्य अतिथियों के भाग लेने की संभावना है।
इस कार्यक्रम को एक नया आयाम देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाएगी, जिससे लाखों लोग इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे।
सन कॉलेज के डायरेक्टर डॉ.अरुण मांडोत ने डॉ. शुभा को इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि
डॉ. शुभा सुराणा की यह उपलब्धि योग के क्षेत्र में सम्पूर्ण राजस्थान हेतु गर्व की अनुभूति होगी। योग के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय है और यह प्रतिष्ठित सम्मान उनके अथक परिश्रम का प्रतिफल है।