गोपेन्द्र नाथ भट्ट
पर्यटन का सिरमौर माने जाने वाले राजस्थान में पर्यटन के और अधिक विकास के लिए राजस्थान की भजन लाल सरकार को अपने पड़ोसी गुजरात राज्य से पर्यटन विकास के गुर सीखने होंगे तथा आगामी 19 फरवरी को विधानसभा में रखे जाने वाले राज्य के बजट में साहसिक फैसले करने पड़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वडोदरा के पास केवड़िया गांव में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के पास विश्व की सबसे बड़ी सरदार वल्लभ भाई पटेल की आदम कद मूर्ति बनवा कर उसके आसपास जिस प्रकार एकता नगर बसाया है उसने गुजरात प्रदेश के पर्यटन विकास को नए पंख लगे है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ही विजन था कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे उन्होंने रण ऑफ कच्छ में नमक के रेगिस्तान को एक ऐसे पर्यटन स्थल के बदल दिया कि आज वहां का धोरडा गांव में पर्यटक महंगी टैंट सिटी में जाकर ठहरते है और पूर्णिमा की चांदनी रात में नमक के रेगिस्तान में चांदी जैसे विशाल धवल कटोरे में तब्दील हो जाने वाले संपूर्ण इलाके का लुफ्त उठाते हैं। इसी प्रकार ढलते सूरज के नयनाभिराम सन सेट का दृश्य को निहारने प्रतिदिन भारी संख्या में एकत्रित रहते है।
इसके अलावा रोड ऑफ हेवन (स्वर्ग की सड़क) भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गया है। यह कच्छ जिले में स्थित एक राजमार्ग है । यह कच्छ के महान रण से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी तक फैला हुआ है, जो भारत के सबसे बड़े नमक के मैदान का उल्लेखनीय और आश्चर्यजनक दृश्य प्रदान करता है। यह सड़क घडुली को संतालपुर से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता और इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले विशिष्ट ड्राइविंग अनुभव के लिए प्रसिद्ध हो गई है। यहां धोलावीरा गांव और आसपास के इलाकों में कच्छ भुज के हस्तशिल्प को भी जबरदस्त बढ़ावा मिल रहा हैं।
कच्छ का रण गुजरात के कच्छ जिले के उत्तर तथा पूर्व में फैला हुआ एक नमकीन दलदल का वीरान प्रदेश है। यह लगभग 23,300 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह समुद्र का ही एक सँकरा अंग है जो भूचाल के कारण संभवतः अपने मौलिक तल को ऊपर उभर आया है और परिणामस्वरूप समुद्र से पृथक हो गया है। मार्च से अक्टूबर मास तक यह क्षेत्र अगम्य हो जाता था। सन् 1819 ई. के भूकंप में उत्तरी रन का मध्य भाग किनारों की अपेक्षा अधिक ऊपर उभर गया। इसके परिणामस्वरूप मध्य भाग सूखा तथा किनारे पानी, कीचड़ तथा दलदल से भर गए। ग्रीष्म काल में दलदल सूखने पर लवण के श्वेत कण सूर्य के प्रकाश में चमकने लगते हैं। नरेन्द्र मोदी ने 26 जनवरी 2005 को कच्छ भुज में आए विध्वंसक भूकंप के बाद पुनर्वास के कार्यों के दौरान इस विशाल क्षेत्र को देखा और अपने विजन से विनाश को विकास में बदल दिया। भुज नगर में बनाए गया स्मृति भवन और वंदे मातरम तथा प्राचीन महल आदि स्थान भी पर्यटकों की पसन्द बन गए हैं।
नरेन्द्र मोदी ने अपने विजन से ही अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट को भी खूबसूरत पर्यटन स्थल में तब्दील कर दिया तथा पतंग महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर का उत्सव बना दिया। उन्होंने अहमदाबाद में सरदार पटेल स्टेडियम परिसर में विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट नरेन्द्र मोदी स्टेडियम तथा गांधी नगर में गिफ्ट सिटी और महात्मा मन्दिर कन्वेशन सेन्टर आदि स्थल विकसित कर गुजरात को उभारा।
नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जो अथक प्रयास किए उसके सुफल आज मिल रहे हैं, वरना एक समय था जब पैलेस ऑन व्हील्स जैसी हेरिटेज ट्रेन भी गुजरात में सफल नहीं हो पाई थी।
राजस्थान, जिसे 'पावणों के प्रदेश' के रूप में जाना जाता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक स्थलों और अद्भुत परिदृश्यों के साथ दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। राज्य ने 2024 में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया, जब पर्यटकों की संख्या ने 23 करोड़ का आंकड़ा पार किया। यह वृद्धि राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र की ताकत और समृद्धि को दर्शाती है, और इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारक हैं, जिनमें सरकार की नीतियां, प्रचार-प्रसार, और पर्यटकों के आकर्षण को बढ़ाने वाली पहल भी शामिल हैं।
राजस्थान की भजन लाल सरकार में पर्यटन का 'दीया' रोशन हो रहा है और राजस्थान सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और परियोजनाएं भी शुरू कीं हैं । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व और उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी जोकि वित्त मंत्री के साथ पर्यटन मंत्री भी हैं,के विजन में राज्य सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को एक नई दिशा देने की कोशिश की जा रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप पर्यटन की नई ऊँचाइयों को छुआ हैं। 'पधारो म्हारे देश' की प्रसिद्ध थीम के साथ राज्य के पर्यटन को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है। राज्य सरकार के विजन के परिणामस्वरूप राजस्थान ने न केवल घरेलू, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित किया है। प्रदेश ने 'नो ऑफ सीजन, आल सीजन ट्यूरिज्म सीजन' अपनाया हैं।यह स्लोगन इस बात को प्रकट करता है कि राजस्थान में हर मौसम में पर्यटकों के लिए कुछ न कुछ खास होता है, चाहे वह सर्दी हो, गर्मी या बारिश. इसके प्रचार-प्रसार के चलते राज्य में पर्यटन सीजन को किसी खास मौसम तक सीमित नहीं रखा गया, और पर्यटक सालभर राज्य का दौरा कर रहे हैं।
ग्रामीण और धार्मिक पर्यटन में विकास
राजस्थान में धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन को विशेष बढ़ावा दिया गया है।राज्य के कई प्रमुख धार्मिक स्थलों ने पर्यटन को आकर्षित किया है, जैसे कि पुष्कर, श्रीनाथजी, खाटू श्याम जी, अजमेर शरीफ और कई अन्य धार्मिक स्थल. ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्यटकों को राजस्थान के पारंपरिक गांवों, कल्चर और जीवनशैली का अनुभव करने का मौका मिला है।
नवीनतम पर्यटन योजनाएं और सुविधाएं
राजस्थान सरकार ने पर्यटन सुविधाओं को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है। नए एक्सप्रेसवे, एयर कनेक्टिविटी में सुधार, और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर आधारभूत ढांचे का विकास इन योजनाओं में शामिल हैं. इन पहलों से राज्य में पर्यटन के लिए आने वाली यात्रा अधिक सुविधाजनक और आकर्षक हो गई है. केंद्र की योजनाओं जैसे प्रसाद 2.0, स्वदेश दर्शन 2.0, और कृष्णा सर्किट ने भी राज्य को पर्यटन के क्षेत्र में लाभ पहुंचाया है। राजस्थान ने विभिन्न प्रकार के पर्यटन क्षेत्रों में भी प्रगति की है. एडवेंचर, चिकित्सा, फिल्म, वाइल्डलाइफ, और एक्सपीरियंशियल टूरिज़म जैसे नए और अलग-अलग पर्यटन क्षेत्रों ने राज्य को और अधिक विविध और रोमांचक बना दिया है. राजस्थान अब केवल ऐतिहासिक स्थलों और सांस्कृतिक विरासत के लिए नहीं, बल्कि इन नई श्रेणियों के लिए भी प्रमुख गंतव्य बन चुका है.
2024 में रिकॉर्ड 23 करोड़ पर्यटकों के आने के बाद राजस्थान सरकार ने 2025 के लिए एक और बड़ा लक्ष्य तय किया है।
हालांकि राजस्थान ने पर्यटकों की आवक में रिकॉर्ड वृद्धि की है, लेकिन इसे और बढ़ावा देने के लिए पर्यटन ढांचे को और मजबूत करना जरूरी है. होटल और रिसॉर्ट्स में कमरे बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि अधिक पर्यटक यहां ठहर सकें. मनोरंजन गतिविधियों और अनुभवों को वर्ल्ड क्लास बनाना भी राज्य की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके अलावा, सड़क और एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाना, और रोपवे और एयर टैक्सी जैसे सुविधाओं पर तेज़ी से काम करना होगा।पर्यटक सुरक्षा को पुख्ता करना भी महत्वपूर्ण है, जिससे पर्यटन में और अधिक बढ़ावा मिलेगा।राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र में निवेश का योगदान 'राइजिंग राजस्थान' के दौरान प्राप्त निवेश प्रस्तावों से पर्यटन ढांचे को और भी मजबूती मिली है।
राजस्थान सरकार यदि उदयपुर के झीलों के पास गुजरात के एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल प्रतिमा से भी ऊंची वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की आदमकद मूर्ति बनाने और प्रदेश के बांधों के बैकवाटर में स्थित टापुओं को केरल राज्य की तर्ज पर विकसित करने का प्रयास करें तथा प्रदेश के हर पांच कोस पर स्थित हेरिटेज विरासतों को विकसित करे तो राजस्थान देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा पर्यटन हब बन सकता हैं।
देखना है कि आने वाले वर्षों में, राजस्थान पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक उन्नति कर न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में अपनी पहचान बनाएगा?