गोपेन्द्र नाथ भट्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय अमेरिका यात्रा पूरी करके वाशिंगटन से
नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में उनकी फोटो साझा करते हुए लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राज्य अमेरिका की उपयोगी एवं सार्थक यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न करने के बाद नई दिल्ली के लिए विमान से रवाना हुए।
विश्व के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानों की मुलाकात हमेशा चर्चाओं में रहती आई है। हमेशा की तरह इस बार भी अमरीका के वाशिंगटन डीसी के व्हाइट हाउस में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमरीका में दूसरी बार निर्वाचित हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात हो रही थी तो सारी दुनिया की नजरे इन नेताओं पर गढ़ी हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी और अमरीका के राष्ट्रपति ट्रंप की भेंट के महत्व को इस बात से भी समझा जा सकता हैकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एशिया महाद्वीप के पहले प्रधानमंत्री है जिनकी डोनाल्ड ट्रंप के अमरीका के राष्ट्रपति बनने के पश्चात सबसे पहले मुलाकात हो रही हैं। वैसे भी प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप को पक्का दोस्त भी माना जाता है। दोनों नेताओं के मध्य होने वाली मुलाकात की जीवंतता और आपसी केमेस्ट्री बहुत कुछ बयान करती है। दोनों नेताओं का गर्म जोशी से मिलना, आपस में गले लगना और हाथों में हाथ डाल कर विक्ट्री साइन बनाना इस बात को साबित करता है कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के नेताओंके परस्पर सम्बन्ध और निकटता कितनी गहरी है।
इस बार भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए विजिटर बुक में लिखा कि मिस्टर प्राइम मिनिस्टर यूं आर द ग्रेट। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस टिप्पणी की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही हैं। इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता की। इसमें दोनों नेताओं के मध्य व्यापार, रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी सहित कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को फ्रांस से अमेरिका पहुंचे थे और गुरुवार को भारतीय समयानुसार शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने उनकी मेजबानी की। दोनों नेताओं की यह बैठक खास रही क्योंकि यह ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय वार्ता थी। दोनों नेताओं ने भारत एवं अमेरिका के संबंधों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण फैसले लिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी बैठक बेहतरीन रही और इससे भारत-अमेरिका की मित्रता को नई गति मिलेगी। दोनों नेताओं ने व्यापार घाटा कम करने,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई ), सेमीकंडक्टर और ऊर्जा आपूर्ति बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सहमति जताई।
बताया जाता है कि दोनों नेताओं की बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी झड़पों को “काफी हिंसक” बताते हुए इस विवाद को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकाल सकते हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका और रूस जैसे बड़े देशों को भी साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि दुनिया में शांति बनी रहे। अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इसे ठुकरा दिया था। अब यह देखना बाकी है कि राष्ट्रपति ट्रंप भारत-चीन विवाद में अपनी मध्यस्थता की पेशकश को कितनी गंभीरता से आगे बढ़ाएंगे। फिलहाल भारत और अमेरिका के आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए नई योजनाएं बनाई गई हैं, जिससे दोनों देशों की दोस्ती और साझेदारी और गहरी होगी। ट्रंप ने घोषणा की हैं कि अमेरिका भारत को अरबों डॉलर के रक्षा उपकरण बेचेगा और भविष्य में भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स देने की दिशा में भी काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2017 में उनके प्रशासन ने क्वाड सुरक्षा साझेदारी को फिर से सक्रिय किया, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। ट्रंप ने कहा कि यह सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा, उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देश कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए पहले से ज्यादा मजबूती से साथ काम करेंगे।
अपनी अमरीका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से भी मुलाकात की। इन बैठकों में रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा हुई। भारत और अमेरिका ने रक्षा, ऊर्जा और अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्रों में अपने सहयोग को व्यापक करने का निर्णय लिया हैं। इसके अलावा, दोनों देशों ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दो दिवसीय अमरीका दौरे में स्पेस एक्स के सीईओ एलन मस्क समेत कई शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की।
कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे की सराहना की है।हालांकि लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने एक बार फिर से अदाणी का मुद्दा उठा कर इस यात्रा को विवादों के घेरे में लाने का प्रयास किया हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनास्ड ट्रंप द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस से जो कुछ भी हमने देखा है, वह बहुत उत्साहजनक है। इसमें हम सभी की कुछ बड़ी चिंताओं का समाधान किया गया है। थरूर ने कहा कि पीएम मोदी और ट्रंप ने व्यापार और शुल्क के सवाल पर एक साथ बैठकर गंभीर बातचीत करने का फैसला किया है, जो सितंबर-अक्टूबर तक समाप्त हो जाएगी। अवैध प्रवासी भारतीयों के इमिग्रेशन के मुद्दे पर केवल एक चीज की कमी थी कि उन्हें वापस कैसे भेजा गया? अन्यथा उनका रुख बिल्कुल सही था। ये गुमराह युवा हैं, जिन्हें अवैध रूप से प्रवास करने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया गया है।
कांग्रेस सांसद ने कहा रक्षा मोर्चे पर अमेरिका द्वारा हमें एफ-35 स्टील्थ विमान बेचने की प्रतिबद्धता बहुत मूल्यवान है, क्योंकि यह एक अत्याधुनिक विमान है। पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे के अब तक प्राप्त जानकारी से बहुत उत्साहित हूं।
शशि थरूर के अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगवानी के लिए व्हाइट हाउस से बाहर नहीं आकर भारत का अपमान किया है। इसी प्रकार अवैद्य भारतीयों को जिस अपमान जनक तरीके से भारत भेजा गया उसका विरोध नहीं करने के लिए भी उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है।
इन सभी बातों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी दौरा भारत के लिए काफी खास रहा है और उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम मिलेंगे।
देखना है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दोस्ती लोकतन्त्र में विश्वास रखने वाले इन दोनों महान देशों के संबंधों में क्या नए गुल खिलाएगी?