और देवस्थान के मंदिरों की दशा दिशा सुधारने के लिए भजन लाल सरकार ने की ऐतिहासिक पहल
भजन लाल सरकार देवस्थान के मंदिरों के हालात सुधारने तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिए कोई ब्लू प्रिंट तैयार करवाएगी?
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
प्रयाग राज में 144 वर्ष के अंतराल पर हो रहे महाकुम्भ में संगम स्थल पर त्रिवेणी स्नान का एक ऐसा चित्र रविवार के अखबारों की सुर्खियां बना जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के साथ उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों को गंगा और यमुना के संगम में सामूहिक डुबकी लगाते दिखे। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ चित्र भी सुर्खियों में रहा।
संगम में स्नान के बाद प्रयागराज स्थित राजस्थान मंडपम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक भी हुई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद प्रयागराज में मुख्यमंत्री भजन लाल ने अपने मंत्रिपरिषद की बैठक करने का नया इतिहास भी बनाया। वे देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री भी बन गए जिन्होंने अपने मंत्रिपरिषद के साथ संगम में सामूहिक डुबकी लगाई ।
महाकुंभ के दौरान आयोजित भजन लाल मंत्रिपरिषद की बैठक में देवस्थान विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए हैं। मंत्रिपरिषद की बैठक में देवस्थान विभाग के प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी के 390 मंदिरों एवं आत्म निर्भर श्रेणी के 203 मंदिरों में सेवा पूजा,भोग, प्रसाद, उत्सव, पोशाक,जल एवं प्रकाश, सुरक्षा संचालन व्यवस्था आदि के लिए भोग राग को दोगुना करते हुए तीन हजार रुपए प्रति मंदिर प्रति माह किए जाने का निर्णय लिया गया। एक और महत्वपूर्ण फैसला करते हुए देवस्थान विभाग में प्रत्यक्ष प्रभार एवं आत्म निर्भर मंदिरों में कार्यरत अंशकालीन पुजारियों को दिए जा रहे मानदेय को 5 हजार रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए प्रतिमाह करने की स्वीकृति प्रदान की गई। देवस्थान विभाग के प्रबंधित एवं नियंत्रित राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार के 6 मंदिरों तथा आत्म निर्भर श्रेणी के 26 मंदिरों के जीर्णोद्धार, मरम्मत एवं विकास कार्यों के लिये 101 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
राज्य के बाहर स्थित देवस्थान विभाग के मंदिरों का सर्वे करवाते हुए इनकी वास्तविक संख्या पता कर इन्हें सूचीबद्ध किया जाएगा। जीर्ण-शीर्ण हो चुके ऐसे मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 25 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इन निर्णयों की स्वीकृति भी मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मंत्रिपरिषद द्वारा देवस्थान विभाग के मंदिरों के संबंध में लिए गए इन फैसलों की सराहना की जा रही हैं। सभी जानते है कि राजस्थान और राजस्थान के बाहर देवस्थान के मंदिरों की दशा और दिशा कैसी रहती आई हैं। आजादी से पहले राजा महाराजाओं द्वारा देवस्थान के मंदिरों के विकास के काफी कार्य हुए और आजादी के बाद भी कई पूर्व राजघरानों ने देवस्थान की गरिमा बनाए रखी और ट्रस्ट बना उनका आदिनांक तक संचालन भी किया जा रहा हैं। राज्य सरकार के अधीन में आए मन्दिरों की स्थिति भी प्रारम्भ में काफी अच्छी रही लेकिन कालांतर में देवस्थान के मंदिरों और उन पुजारियों तथा अन्य जुड़े लोगों की स्थिति दयनीय होती गई। हालांकि वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत सरकार ने भी मन्दिरों के विकास पर ध्यान दिया तथा काशी विश्व नाथ तथा सोमनाथ एवं महाकालेश्वर जैसे कॉरिडोर बनाने के प्रयास भी किए गए। वसुन्धरा राजे ने मंदिरों के विकास पर विशेष ध्यान दिया था।अब भजन लाल सरकार ने भी सरकार ने आते ही पूछरी के लोठा के श्री नाथ जी मंदिर से बृज से जुड़े मध्य प्रदेश के मन्दिरों के सर्किट पर एक एमओयू किया।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और उनका परिवार बृज से जुड़ा है और उनकी धर्म पत्नी हर वर्ष ब्रिज की कनक दंडवत परिक्रमा करती हैं। उनकी इस अथाह आस्था से सभी बहुत प्रभावित हैं। बृज से जुड़ा होने के कारण मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा देवस्थान के मंदिरों,उनके पुजारियों और मंदिरों से जुड़ी संपदाओं आदि की स्थिति से भलीभांति अवगत है। देवस्थान विभाग के कुछ अतिथि गृहों के हालात भी ठीक नहीं है। देवस्थान विभाग ने पिछले वर्षों में वरिष्ठ नागरिकों की तीर्थ यात्राओं का अच्छा काम किया है और अब पुजारियों के मानदेय में वृद्धि तथा मन्दिरों के जीर्णोद्धार के लिए भजन लाल सरकार द्वारा 125 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत करने के फैसले स्वागत योग्य कहे जा सकते है।
अब देखना है कि भजन लाल सरकार देवस्थान के मंदिरों के हालात सुधारने तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिए कोई ब्लू प्रिंट तैयार करवाएगी?