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इन्दौर में मसाला उद्यमियों का वैश्विक सम्मेलन का आयोजन नए आयाम स्थापित करेगा -जल संसाधन मंत्री तुलसी राम सिलावट

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31 Jan 25
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इन्दौर में मसाला उद्यमियों का वैश्विक सम्मेलन का आयोजन नए आयाम स्थापित करेगा -जल संसाधन मंत्री तुलसी राम सिलावट

गोपेन्द्र नाथ भट्ट 

इंदौर ।मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी राम सिलावट ने कहा है कि मध्य प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी इन्दौर में मसाला उद्यमियों का वैश्विक सम्मेलन का आयोजन नए आयाम स्थापित करेगा तथा भारत के मसालों को विश्व में और अधिक प्रसिद्धी दिलाने के साथ ही और अधिक लोकप्रिय बनायेगा ।

एनएनएस मीडिया ग्रुप द्वारा आयोजित इंदौर के होटल शेरेटन ग्रांड पैलेस में आयोजित दो दिवसीय 12वें ग्लोबल स्पाइस समिट- 2025 के समापन समारोह में देश विदेश से आये विख्यात मसाला उद्योग प्रतिनिधियों को वीडियों कान्फ्रेसिंग पर संबोधित कर रहें थे। 

सिलावट ने कहा कि मसालों का सीधा सम्बन्ध व्यंजनों से हैं और मसालों के बिना भोजन का स्वाद फीका रह जाता है। उन्होंने कहा कि अहिल्या की भूमि और देश में सबसे स्वच्छ और सुंदरता का अनवरत रिकार्ड बनाने वाली मध्य भारत की वाणिज्यिक राजधानी इन्दौर ने अपने विभिन्न स्वादों से देश दुनिया में एक अलग ही पहचान बनाई हैं । 

सिलावट ने एनएनएस मीडिया ग्रुप को बधाई एवं धन्यवाद दिया कि उन्होंने अपने लाजवाब जायकों के लिए सुप्रसिद्ध इंदौर शहर को ग्लोबल स्पाइस समिट के लिए चुना।उन्होंने इस वैश्विक मसाला समिट में देश विदेश से आए मेहमानों का अपने गृह नगर में स्वागत किया।उन्होंने कहा कि अहिल्या नगरी के नाम से मशहूर यह सुन्दर शहर इंदौर अपनी बेजोड़ कला, संस्कृति, इतिहास, धार्मिक महत्व, आस्थाओं एवं स्वादिष्ट खानपान और स्वच्छता के साथ ही चहुमुखी विकास तथा आर्थिक एवं व्यापारिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यहाँ के मसालें जग प्रसिद्ध है तथा मसालों से जुड़ी खेती और व्यवसाय में भी इसका बड़ा योगदान हैं।सिलावट ने कहा कि किसानों को राज्य सरकार जल संसाधनों के लिहाज से कोई कमी नहीं आने दे रहीं हैं ।

इस मौके पर एनएनएस मीडिया ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबन्ध निदेशक राजेश गुप्ता, ने बताया कि देश में मसाले का उत्पादन इस वर्ष 11.47 मिलियन टन के करीब हुआ है जो गत वर्ष 11.36 मिलियन टन था। इससे बीते वर्षों में यह 11.12 एवं 11.14 मिलियन टन था। उन्होंने बताया कि भारत से मसालों का निर्यात 3.56 बिलियन डॉलर से बढ़कर चालू वर्ष में 4.18 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

ग्रुप निदेशक अक्षय गुप्ता ने बताया कि देश में स्पाइस का कारोबार के निरंतर बढ़ने से किसान हल्दी, धनिया, जीरा, सौंफ, सौंठ, काली मिर्च, लाल मिर्च सहित सभी मसालों से जुड़ी खेती पर अधिक ध्यान दे रहें हैं एवं  उन्हें इनके उत्पादन में लागत से अधिक उपज कीमतें मिल रही हैं। दक्षिण एवं पश्चिम भारत के किसान तो 60 फीसदी व्यापारी हो गए हैं। सच्चाई यह है कि एक तो हमारा मसाला उत्पादन इतना अध्कि हो रहा है तथा दूसरा प्रत्येक वर्ष निर्यात में भारी वृद्धि हो रही है, इसे देख कर  सारी दुनिया में हलचल मची हुई है तथा देश अधिक समृद्ध हो रहा हैं । 


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