जामनगर (गुजरात): विलुप्त प्रजातियों के संरक्षण के वैश्विक प्रयासों के तहत 41 स्पिक्स मैकॉ (सायनोप्सिटा स्पिक्सी) को जर्मनी से ब्राज़ील में सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया गया है। संकटग्रस्त तोतों के संरक्षण संघ (एसीटीपी) और वंतारा से संबद्ध ग्रीन्स प्राणि उद्धार और पुनर्वास केंद्र (जीजेडआरआरसी) के सहयोग से यह पहल की गई थी। वर्ष 2000 में वन्यक्षेत्र से विलुप्त घोषित इस प्रजाति को दोबारा उसके प्राकृतिक आवास में बसाने का प्रयास किया जा रहा है।
28 जनवरी को बर्लिन से विशेष विमान द्वारा इन पक्षियों को ब्राज़ील के पेत्रोलिना हवाईअड्डे लाया गया। वहां से उन्हें ब्राज़ील के बाहिया स्थित पृथकवास केंद्र में भेजा गया। स्वास्थ्य और आनुवंशिक जांच के आधार पर चुने गए इन 41 पक्षियों में 23 मादा, 15 नर और 3 शिशु शामिल हैं।
एसीटीपी के संस्थापक मार्टिन गुथ ने कहा, "हम श्री अनंत अंबानी और वंतारा के आभारी हैं। उनकी विशेषज्ञता और संसाधनों ने इस अभियान को सफल बनाया है।" वंतारा भारत में भी गैंडा, एशियाई शेर और चीतों के संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। स्पिक्स मैकॉ का पुनर्वास वैश्विक जैव विविधता संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।