राजस्थान में भजनलाल सरकार द्वारा नौ नए जिलों और तीन संभागों का गठन किए जाने के बाद अब अंग्रेजी स्कूलों को लेकर भी राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूलों की समीक्षा के लिए गठित रिव्यू कमेटी के सरकारी फरमान ने प्रदेश में सियासत को गर्मा दिया है। कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बना रही है, जो विधानसभा में भी गूंज सकता है।
सरकार ने गहलोत सरकार के दौरान शुरू किए गए 3741 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा के लिए उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी गठित की है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार पर सरकारी शिक्षा को नष्ट करने का आरोप लगाया है।
वहीं, कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि भजनलाल सरकार इन स्कूलों को बंद करने की साजिश कर रही है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में इन स्कूलों के लिए पर्याप्त बजट और शिक्षक नियुक्ति नहीं की थी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह आरएसएस के शिक्षकों को इन स्कूलों में नियुक्त करने की कोशिश कर रहे हैं। डोटासरा ने यह भी सवाल उठाया कि एक साल तक कमेटी क्यों नहीं बनाई गई?
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बीजेपी सरकार को निशाना साधते हुए कहा कि सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
अब यह देखना होगा कि अंग्रेजी स्कूलों पर विधानसभा के अगले सत्र में क्या राजनीति होगी।