मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जनवरी 2025 के तीसरे सप्ताह में प्रस्तावित विधानसभा के बजट सत्र से पहले विधायकों से संभागवार संवाद शुरू कर एक सराहनीय पहल की है। उन्होंने विधायकों से उनके क्षेत्रों में बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन पर फीडबैक लिया, आगामी बजट के लिए सुझाव मांगे और उनकी शिकायतों को हल करने का आश्वासन दिया। साथ ही मंत्रियों को निर्देश दिया कि वे विधायकों से संवाद बनाए रखें और उनकी राय को प्राथमिकता दें।
यह संवाद कार्यक्रम विधानसभा सत्र से पहले विधायकों की नाराजगी दूर करने और पार्टी में सामंजस्य बढ़ाने की रणनीति माना जा रहा है। पिछले सत्र में भाजपा विधायकों द्वारा अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने के कारण मुख्यमंत्री ने यह कदम उठाया। फ्लोर मैनेजमेंट की कमियों और मंत्रियों के जवाब देने में तैयारियों की कमी के चलते विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को दखल देना पड़ा था।
राजनीतिक जानकार इसे विधायकों और मंत्रियों के बीच बेहतर सामंजस्य बनाने का प्रयास मानते हैं। विधायकों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की कि मंत्री अपने पसंदीदा अधिकारियों की नियुक्ति कर रहे हैं, जिससे स्थानीय विधायकों और जनता की अनदेखी हो रही है। कोटा संभाग के विधायकों ने मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें कांग्रेस नेताओं के कहने पर अधिक काम करने की बात शामिल है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्पष्ट किया कि जनता से जुड़ाव और विधायकों की मांगों पर विचार ही सरकार और जनप्रतिनिधियों के बीच की दूरी को कम करेगा। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट 2024 की सफलता और प्रधानमंत्री मोदी से मिले आशीर्वाद से उत्साहित मुख्यमंत्री पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना और यमुना जल समझौते को आगे बढ़ाने के प्रयास में हैं। हालांकि, हाल ही में गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 जिलों में से 9 जिलों और 3 संभाग समाप्त करने के फैसले से उपजी राजनीतिक कड़वाहट का असर आगामी सत्र पर दिख सकता है।
अब देखना है कि भजनलाल सरकार अपने विधायकों और प्रतिपक्ष की नाराजगी का सामना कैसे करती है।