मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. जी. सतीश रेड्डी की उपस्थिति
जयपुर, 27 दिसंबर 2024: भारतीय आर्थिक संघ (आईईए) का 107वां वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन जयपुर के एपेक्स विश्वविद्यालय में भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस अवसर पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और विश्व विख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. जी. सतीश रेड्डी, पूर्व सचिव, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (डीआरडीओ) और माननीय रक्षा मंत्री के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और अवसरों पर अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर प्रो. अमेरिका सिंह, चेयरमैन, एपेक्स बॉडी, इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन और विक्रांत विश्वविद्यालय, ग्वालियर के कुलपति ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने आईईए के योगदान और इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला।
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ब्रह्माकुमारी संस्थान का योगदान
सम्मेलन में जयपुर स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान से राजयोगिनी सुषमा दीदी और अन्य बहनों ने भाग लिया। उन्होंने मानसिक शांति और आध्यात्मिकता को आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए आवश्यक बताया।
मुख्य वक्ताओं ने दिए महत्वपूर्ण विचार
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. चरण सिंह, सीईओ और संस्थापक निदेशक, ईग्रो फाउंडेशन, और डॉ. आशुतोष पंत, शैक्षिक एवं कौशल विशेषज्ञ ने नई शिक्षा नीति और आर्थिक सुधारों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने शिक्षा और कौशल विकास को भारत के आर्थिक उत्थान का आधार बताया।
सम्मेलन में अन्य गणमान्य अतिथि
सम्मेलन में प्रो. अनिल कुमार राय, कुलपति, पं. दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर, और डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक ए.एस. डॉ. अनंत नारायण भट्ट भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
आईईए के अध्यक्ष और अन्य सम्मानित व्यक्तियों का योगदान
आईईए के अध्यक्ष प्रो. आद्या प्रसाद पांडे ने स्वागत उद्बोधन दिया। सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. विक्रम चड्ढा ने एपेक्स विश्वविद्यालय के चांसलर श्री रवि जुनिवाल को इस आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
डॉ. सुल्तान सिंह और डॉ. अशोक आचार्य को विशेष सम्मानित किया गया।
तकनीकी सत्र और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी
सम्मेलन में कई तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया, जिनमें देश-विदेश के विशेषज्ञों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों में थाईलैंड और अन्य देशों के प्रसिद्ध विशेषज्ञ शामिल थे।
यह सम्मेलन भारतीय आर्थिक नीति और नवाचारों पर विचार-विमर्श का एक प्रमुख मंच साबित हुआ।