जब पैर लय में स्वतः थिरकने लगे, तो समझिए लावणी डांस हो रहा है। यही जादू है लावणी नृत्य के गीत, संगीत और प्रदर्शन का। लावणी नृत्य महाराष्ट्र की लोक नाट्य-शैली तमाशा का अभिन्न हिस्सा है। ’लावणी’ शब्द ’लावण्यता’ यानी खूबसूरती या सुंदरता से बना है। कहा जाता है, मराठी में ’लवण’ यानी नमक से यह नाम उत्पन्न हुआ है, जैसे बिना नमक का खाना, वैसे बिना लावणी के डांस। इस नृत्य में नृत्यांगनाएं 9 मीटर की साड़ी पहनती हैं।
लावणी नृत्य का विषय वीरता, प्रेम और भक्ति जैसी भावनाओं को दर्शाता है। इसका विशेष संगीत, कविता, नृत्य और नाट्य का प्रदर्शन इसे अद्वितीय बनाता है। महाराष्ट्र में कई लोक नृत्य हैं, लेकिन लावणी नृत्य सबसे प्रसिद्ध है। इतना लोकप्रिय है कि हिंदी फिल्मों में इस पर कई सुपर हिट गाने फिल्माए गए हैं।