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त्वरित टिप्पणी:नए जिलों के सम्बन्ध में कोई निर्णय नहीं :गोपेन्द्र  नाथ भट्ट

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01 Dec 24
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त्वरित टिप्पणी:नए जिलों के सम्बन्ध में कोई निर्णय नहीं :गोपेन्द्र  नाथ भट्ट

राजस्थान विधानसभा के उप चुनाव और आचार संहिता के समाप्त होने के बाद और राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट ग्लोबल समिट 2024 के पहले राजस्थान मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। राजस्थान मंत्रिमंडल की इस बैठक में नए जिलों के सम्बन्ध में कोई निर्णय नहीं हो पाया।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस मैराथन बैठक में राजस्थान में धर्मांतरण कानून के नए प्रस्ताव को मंजूरी  दी गई  और अन्य कई अहम फैसले लिए गए लेकिन अशोक गहलोत सरकार द्वारा 33 जिलों को बढ़ा कर 50 जिलों का गठन करने के बाद नए जिलों के सम्बन्ध में मंत्रिमंडलीय उप समिति तथा डॉ ललित के पंवार समिति की अनुशंसा के बाद कोई निर्णय नहीं होने से कई सवाल अनुत्तरित रह गए है। चर्चा थी कि कुछ छोटे जिलों को समाप्त कर तथा कतिपय जिलों का पुनर्गठन कर कुछ नए जिले बनाए जायेगे लेकिन लगता है राज्य सरकार इस संवेदनशील मामले को राइजिंग राजस्थान मेगा इवेंट के बाद ही हाथ में लेगी क्योंकि भजन लाल सरकार जल्दबाजी में कोई ऐसा निर्णय नहीं लेना चाहती जिसके दूरगामी राजनीतिक और प्रशासनिक फैसले जन भावनाओं और प्रदेश की जरूरतों के मुताबिक नहीं हो सके।

केबिनेट बैठक में प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देने के लिए 9 नई नीतियों का अनुमोदन करने के साथ ही, 7वें राज्य वित्त आयोग का गठन, बीकानेर और भरतपुर में विकास प्राधिकरणों का गठन करने के लिए अध्यादेश लाने, खेमराज समिति की सिफारिशों के अनुरूप राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2017 में संशोधन, विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन, द राजस्थान प्रोहेबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलिजन बिल 2024 लाने सहित प्रदेश के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए।धर्मांतरण कानून के लिए बजट सत्र में बिल लाया जाएगा। जबरन धर्मांतरण पर 10 साल की सजा होगी। इस कानून में मर्जी से धर्म परिवर्तन करने करने पर 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देनी होगी।बैठक में एसआई भर्ती को लेकर भी कोई निर्णय नहीं हुआ है।

कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देने आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में  बताया गया कि राजस्थान सरकार ने पिछले 11 महीनों में आर्थिक विकास में नए आयाम जोड़ने के लिए अनेकों विकास के कार्य किए  है। आज लिए नियमों के तहत  इस बात पर ध्यान दिया गया है कि निर्यात कैसे बढ़े, एक जिला एक उत्पादन को कैसे बढ़ावा दिया जाएगा। इसकी नीति बनाई गई। इसके साथ ही पर्यटन उघोग पर जो कि प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है इस बात पर और पर्यटन के क्षेत्र में  और अधिक रोजगार कैसे विकसित किए जाएंगे। इसे ध्यान में रखा गया है।

उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा एवं विधि एवं विधिक कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने, प्रदेश को एक्सपोर्ट हब बनाने, स्थानीय पर्यटन, छोटे उद्योगों, स्थानीय शिल्प एवं कारीगरी, हथकरघा एवं एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एमएसएमई नीति, निर्यात संवर्द्धन नीति, एक जिला एक उत्पाद नीति, राजस्थान पर्यटन इकाई नीति एवं एकीकृत क्लस्टर विकास योजना को मंजूरी दी गई है।

साथ ही बताया गया कि कैबिनेट ने भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरणों के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है, इनके गठन के लिए भरतपुर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 और बीकानेर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 लाए जाएंगे। इन शहरों में विकास प्राधिकरण बनने से यहां विकास सुव्यवस्थित और नियोजित ढंग से हो सकेगा।
बीकानेर विकास प्राधिकरण में नगर विकास न्यास बीकानेर के वर्तमान क्षेत्र के अलावा नापासर व देशनोक तथा आस-पास के 185 गांव सम्मिलित किए जाएंगे। भरतपुर विकास प्राधिकरण में नगर विकास न्यास भरतपुर के वर्तमान क्षेत्र के साथ-साथ 209 गांव शामिल किए जाएंगे। भरतपुर और बीकानेर विकास प्राधिकरणों के लिए विधानसभा  में अध्यादेश लाया जाएगा।

केबिनेट ने सेवानिवृत्त आईएएस श्री खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की वेतन विसंगति दूर करने, वेतन सुधारों तथा पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराने संबंधी सिफारिशों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वेतन विसंगतियों एवं वेतन सुधार सम्बन्धी सिफारिशों को दिनांक 1 सितम्बर, 2024 से लागू करने की घोषणा की थी। राजस्थान एमएसएमई नीति-2024 राज्य के एमएसएमई उद्यमों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने में सहायक सिद्ध होगी।  राज्य सरकार की मंशा अगले 5 वर्षों में प्रदेश के निर्यात में 1.50 लाख करोड़ रुपए तक वृद्धि लाने की है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आज अनुमोदित की गई राजस्थान निर्यात संवर्धन नीति-2024 में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं।

विशिष्ट उत्पादों और शिल्पों को बढ़ावा देने के लिए एक जिला एक उत्पाद नीति को स्वीकृति प्रदान की गई है। एकीकृत क्लस्टर विकास योजना में हस्तशिल्प, हथकरघा उद्यमों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।एनिमेशन, गेमिंग के क्षेत्रों की नीति से स्थानीय प्रतिभाएं निखरेंगी

मंत्रिमंडल की बैठक में अनुमोदित राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2024 राज्य में पर्यटन के नए संभावनाशील क्षेत्रों में निवेशकों व उद्यमियों को आकर्षित करेगी। नई नीति में इको टूरिज्म यूनिट, फिल्म सिटी, हेरिटेज रेस्टोरेंट, होटल हाउसिंग, इनडोर/आउटडोर प्ले जोन, एकीकृत पर्यटन विलेज, मोटल/वे-साइड सुविधाएं, रिसोर्ट हाउसिंग, ग्रामीण पर्यटन इकाई और पर्यटन स्टार्ट-अप्स जैसी नई पर्यटन इकाइयों को जोड़ा गया है। इस नीति में न्यूनतम 100 करोड़ रूपये का नया निवेश करने वाली पर्यटन इकाई परियोजनाओं को राजकीय भूमि आंवटित किये जाने का प्रावधान किया गया है। पर्यटन इकाई से जुड़ी या उसके अंदर आने वाली भूमि को उनकी भूमि के 10 प्रतिशत तक राजकीय भूमि कृषि या आवासीय डीएलसी दरों पर एक बार आवंटित की जा सकेगी। नई पर्यटन इकाइयों को रिप्स-2024 के तहत स्टाम्प ड्यूटी, कन्वर्जन चार्ज और डेवलपमेंट चार्ज में छूट मिलेगी। ट्यूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को औद्योगिक दर्जा मिलने से यूडी टैक्स, बिजली दरें, और भवन प्लान शुल्क औद्योगिक दरों पर लागू होंगे। ट्रेड, होटल व रेस्टोरेंट लाइसेंस 10 वर्ष और फायर एनओसी 3 वर्ष के लिए जारी होगी। हेरिटेज होटल/रेस्टोरेंट को रियायती दर पर बार लाइसेंस और 300 वर्ग मीटर से अधिक की हेरिटेज संपत्तियों को फ्री होल्ड पट्टे मिलेंगे। वॉल्ड सिटी में आने वाले होटलों को सड़क चौड़ाई की अनिवार्यता से छूट, दुगुना बिल्टअप एरिया रेश्यो (बीएआर), और संकरी सड़कों पर स्थित हेरिटेज होटल या हेरिटेज रेस्टोरेंट को डेडिकेटेड पार्किंग की व्यवस्था होने पर संचालन की अनुमति मिलेगी। 22 सीट वाले वातानुकूलित लक्जरी कोच पर मोटर वाहन कर में पूर्ण छूट दी जाएगी।
राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2024 प्रदेश में पर्यटन में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी

भजन लाल मंत्रिमंडल ने अक्षय ऊर्जा क्षमता को 125 गीगावाट तक बढ़ाने के लिए राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 को भी मंजूरी दी है। प्रदेश में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में विपुल संभावनाओं को देखते हुएबया महत्वपूर्ण फैसला है। रोजगार सृजन और राजस्व में बढ़ोतरी के लिए राजस्थान खनिज नीति-2024 को भी मंजूरी मिली है। इसके साथ ही बजरी के सस्ते विकल्प को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एम-सेण्ड नीति-2024 बनाई गई है।
प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरपालिकाओं के लिये 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस आयोग की अवार्ड अवधि 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक होगी। प्रदेश में अब आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी भर्ती अब आरपीएससी से होंगे। इसी प्रकार आरएसी और एमबीसी कांस्टेबल के पदों पर शैक्षणिक योग्यता सीनियर सैकेण्डरी करने का फैसला किया गया।संविदा सेवा नियमों में संशोधन करने के लिए राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल अपॉइन्टमेंट टू सिविल पोस्ट्सq रूल्स-2022 के अंतर्गत नियुक्त कार्मिकों को भी अब राज्य कर्मचारियों की भांति ही दो तारीखों 1 जुलाई अथवा 1 जनवरी को वार्षिक पारिश्रमिक वृद्धि का लाभ मिल सकेगा। एनटीटी अध्यापकों का कैडर राजस्थान शिक्षा सेवा नियम-2021 में शामिल किया गया है।
केबिनेट ने लैंड कन्वर्जन रूल्स-2007 में संशोधन को भी मंजूरी दी। जैसलमेर जिले में सीमा पर सड़क के लिए भूमि आवंटन,किशनगढ़ (अजमेर) में ईएसआईसी अस्पताल के लिए भूमि आवंटन के साथ ही मेट्रो रेल के विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार के साथ 50-50 संयुक्त उद्यम कम्पनी अब केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सुझाव पर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के मध्य स्थापित की जाएगी।  प्रदेश की निर्माणाधीन एवं भविष्य की सभी मेट्रो रेल परियोजनाओं को इस जेवी के माध्यम से लागू किया जाएगा। राज्य की वर्तमान और भविष्य की सभी मेट्रो रेल परियोजनाओं का निर्माण, संचालन और रखरखाव का अधिकार नई जेवी कंपनी के पास होगा।

राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट ग्लोबल समिट से पहले भजन लाल मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए ये फैसले प्रदेश के सर्वांगीण  विकास के रोड़मेप में मील  का पत्थर साबित होंगे ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए। 


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