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### संत श्री आशारामजी बापू के साधको द्वारा गरीब व जरूरतमंदो मे भंडारे का आयोजन

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04 Nov 24
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### संत श्री आशारामजी बापू के साधको द्वारा गरीब व जरूरतमंदो मे भंडारे का आयोजन


गोगुन्दा  | पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित श्री योग वेदान्त सेवा समिति राजस्थान व राजस्थान समिति सूरत के तत्वाधान मे पूज्य बापूजी की कृपापात्र शिष्या साध्वी ज्योत्सना बहन के सान्निध्य में दीपावली निमित आज प्लायापीपला(गोगुन्दा) में गरीबो में भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमे गरीबों मे परात, कम्बल, कपड़े, चप्पल, टॉस, खाद्य तेल, साबुन, चावल, जुराब, कैलेंडर, टोपी, लॉकेट, साहित्य, रेडीमेड वस्त्र, आँवला मुरब्बा व अन्य जरूरतमन्द सामग्री के साथ दक्षिणा भी दी गयी| 
        
          साध्वी ज्योत्स्ना बहन ने बताया कि पूज्य बापूजी के आश्रमो द्वारा गरीबो में भंडारे के अलावा अनेको सेवा कार्य होते हैं जैसे युवाओ के उत्थान के लिए युवा सेवा संघ, बच्चों के लिए बाल संस्कार केंद्र, महिलाओ के लिए महिला उत्थान मंडल, मातृ-पितृ पूजन दिवस, तुलसी पूजन दिवस, कैदी उत्थान कार्यक्रम, गीता भागवत सत्संग कार्यक्रम, गौशालाएं।
         समिति प्रवक्ता चाम्पाराम जी ने बताया कि भंडारे का हजारों जरूरतमंद लोगों ने लाभ लिया।
पूज्य संत श्री आशारामजी बापू बताते है कि अपने घर की आवश्यकता तो हर कोई पूरी करता तो लेकिन जो साधनो से रहित पड़ोसियो, गरीबो के घर की आवश्यकता को यथासम्भव पूरा करता है वही सच्चा सेवाभावी मनुष्य है।
          बापूजी के इन श्रीवचनों को ध्यान मे रखकर हर त्यौहार, पर्व व आवश्यकता अनुसार बापूजी के साधक विश्वभर में गरीबों में भंडारे करते रहते हैं  ।
        
          वर्षभर हमारे सनातन संस्कृति मे “वसुधेव कुटुम्बकम” की भावना का आहवान किया गया है | संसार मे लोग केवल अपने आनंद, अपने परिवार की जरूरत पूरी कर खुशी अनुभव करते है परंतु बापू के प्यारे तो “सब सुखी सम्पन्न रहे” की भावना से कहीं गरीबों मे भंडारे तो कहीं कीर्तन यात्रा तो कहीं कत्लखाने मे जा रही गायों को बचना तो कहीं कैदी उत्थान कार्यक्रम जैसे अनेकों समाज उत्थान कार्य करते रहते है |

       इस दौरान लोगो ने गीता भागवत  सत्संग श्रवण किया तथा सभी को भोजन प्रसाद भी करवाया गया।


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