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उदयपुर से उदय हो देश भर में जल संरक्षण , जल स्रोत संवर्धन अभियान का : सुरेश प्रभु 

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27 Oct 24
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उदयपुर से उदय हो देश भर में जल संरक्षण , जल स्रोत संवर्धन अभियान का : सुरेश प्रभु 

उदयपुर,  राजस्थान में जल संरक्षण की अनुकरणीय परंपरा रही हैं जिससे पूरे विश्व को प्रेरणा मिलती है  । राजस्थान के  उदयपुर में एक दूसरे से इंटरलिंक झीलों का एक नायब उदाहरण है। ऐसे में राजस्थान का   उदयपुर  पूरे भारत की जल समस्याओं, जल स्रोत संरक्षण की पहल कर देश को जल समृद्ध बना सकता है। यह विचार भारत सरकार में पर्यावरण मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, उद्योग मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय  सहित सात मंत्रालय संभाल चुके, नदी जोड़ो योजना टास्क फोर्स  के  अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री  सुरेश प्रभु ने विद्या भवन   में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।


सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत में हर जिले की जल स्थित अलग अलग  है। ऐसे में हर जिले में एक नागरिक समिति  बननी चाहिए जिसमें विशेषज्ञों सहित समाज जीवन  के हर वर्ग, हर विधा के लोग हो । यह समिति  अपने अपने जिले की जल समृद्धता सुनिश्चित कर सकती है। उन्होंने कहा कि पानी व शिक्षा पर कार्य कर रहा विद्या भवन से इस मुहिम का उदय होना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक इको सिस्टम सहित जल को किसी प्रयोगशाला में बनाया नहीं जा सकता। लेकिन ईश्वर की बनाई इन जीवनदायिनी व्यवस्थाओं की   सुरक्षा, संवर्धन, संरक्षण हमारे हाथ में है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने दैनंदिन जीवन में कुछ समय जल संरक्षण, जल स्रोत संरक्षण,सुरक्षा के लिए निकालना चाहिए। 

पॉलिटेक्निक प्राचार्य डॉ अनिल मेहता के संयोजकत्व में हुए इस कार्यक्रम में सुरेश प्रभु के समक्ष आयड नदी बेसिन पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई।  कार्यक्रम में मानव साधन विकास संस्था , मुंबई की अध्यक्षा  उमा प्रभु , यू सी सी आई के पूर्व अध्यक्ष कोमल कोठारी , प्रसिद्ध ऊर्जा विशेषज्ञ भगवत  बाबेल, विद्याभवन के कोषाध्यक्ष अनिल शाह, मानद सचिव गोपाल बंब ने भी विचार व्यक्त किए।

मेरा नाम भी अनिल होता: जल विशेषज डॉ अनिल मेहता के कार्यों की सराहना करते हुए प्रोत्साहन स्वरूप  प्रभु ने कहा कि यदि मेरा नाम भी अनिल रखा होता तो मैं पानी और पर्यावरण के लिए और ज्यादा अच्छा  कार्य करता । उन्होंने कहा कि देश भर में जल पर कार्य कर रहे लोगों, संस्थाओं की "लिंकिंग" करने का दायित्व विद्या भवन को लेना चाहिए । यदि सभी मिलकर कार्य करेंगे तो जल संबंधी सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एकलिंगनाथ के दर्शन कर उन्होंने यही मांगा है।


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