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देश के साहित्यकारों की धारणाएं: हाड़ोती साहित्य का भविष्य गर्व करेगा :  डॉ. विमला भंडारी*

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25 Oct 24
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डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा

देश के साहित्यकारों की धारणाएं: हाड़ोती साहित्य का भविष्य गर्व करेगा :  डॉ. विमला भंडारी*

*कोटा, किसी भी स्थान के समाज को समझने के लिए साहित्य महत्वपूर्ण होता है। इस संदर्भ में, डॉ. विमला भंडारी ने सलूंबर में आयोजित कृति के लोकार्पण समारोह में कहा कि नारी चेतना की साहित्यिक उड़ान "कृति" पर हाड़ोती साहित्य का भविष्य गर्व करेगा, इसमें कोई संदेह नहीं। उन्होंने कृतिकार डॉ. प्रभात कुमार सिंघल को भेजे संदेश में कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है, जिसमें तत्कालीन समाज की दशा और दिशा की झलक मिलती है। 

उन्होंने आगे कहा कि हाड़ोती की महिला रचनाकारों पर केंद्रित यह पुस्तक कई मायनों में महत्त्वपूर्ण साबित होगी और आने वाले समय में यह एक मील का पत्थर बनेगी, जो तथ्यों को प्रामाणिक रूप में उजागर करेगी। 

कोटा में इस पुस्तक का पहला लोकार्पण देश और राजस्थान के ख्यातनाम साहित्यकारों से सीधे जुड़ा था। कई साहित्यकारों ने अपने संदेशों के माध्यम से इस समारोह में भाग लिया, जिससे इसे राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया गया। 

ओडिशा के साहित्यकार दिनेश कुमार माली ने कहा कि यह पुस्तक न केवल राजस्थान बल्कि वैश्विक नारी चेतना और संस्कृति को अभिव्यक्त करने में सहायक होगी। 

कोलकाता के राजेंद्र केडिया ने इसे हिंदी साहित्य के लिए उपयोगी बताया, जो अन्य भाषाओं की लेखिकाओं को प्रेरित करेगा। 

चेन्नई से बी. एल. आच्छा ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर विशेष अर्पण माना, जबकि दिल्ली के ललित गर्ग ने इसे महिलाओं के रचनात्मक योगदान को प्रमाणित करने का सशक्त माध्यम बताया। 

भोपाल से डॉ. विकास दवे ने इस पुस्तक के माध्यम से लेखक की समस्याओं को हल करने की संभावना व्यक्त की। 

उदयपुर के ज्योतिपुंज ने इसे महिला साहित्यकारों के लिए वरदान बताया। साहित्यकार मंजु चतुर्वेदी ने इसे स्त्री लेखन को नया अर्थ और दिशा देने वाला बताया। 

संपादक वीरेंद्र श्रीवास्तव ने इसे हिंदी साहित्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना, जो भविष्य के शोधकर्ताओं और साहित्य प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। 

बीकानेर के नीरज दइया ने इसे साहित्य जगत में एक नए युग की शुरुआत कहा, जबकि अजमेर की डॉ. मधु खंडेलवाल ने इसे महिलाओं की चेतना और सफलता के अद्भुत सोपान का सृजन माना। 

विख्यात साहित्यकारों ने भी इस कृति के लिए शुभकामनाएं दी हैं। 


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