नई दिल्ली/जयपुर/झुंझुनूं । राजस्थान के शेखावाटी अंचल की झुंझुनूं, नवलगढ़ तथा मंडावा नगर पालिकाओं के लिए माननीय
स्थाई एवं अनवरत लोक अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र के.के. गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को पत्र लिख कर राजस्थान को पर्यटन की दृष्टि से विशेष राज्य का दर्जा और हेरिटेज स्टेट घोषित करने का आग्रह किया है। गुप्ता ने बताया कि राजस्थान देशी और विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने तथा पर्यटन की दृष्टि से पूरे विश्व में अपना अव्वल स्थान रखता है।
के के गुप्ता वर्तमान में भारत सरकार की एन.एस.एस.सी. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के सदस्य, राजस्थान सरकार और भाजपा के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) समन्वयक हैं तथा इससे पहले वे राजस्थान सरकार के स्वच्छ भारत मिशन अभियान के पूर्व ब्रांड एम्बेसेडर और डूँगरपुर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष भी रहें हैं।वे अंतर्राष्ट्रीय वैश्य परिषद और चेंबर ऑफ़ कॉमर्स सहित अन्य कई संस्थाओं से भी जुड़े हुए है।
गुप्ता राज्य के मुख्यमन्त्री भजन लाल शर्मा को भी पत्र लिख यह आग्रह करने जा रहे है कि इस साल के अन्त में जयपुर में होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 के दौरान शेखावाटी की हवेलियों के विकास और पुनरुद्धार पर अलग से एक परिचर्चा सत्र आयोजित किया जायें तथा जीर्ण शीर्ण हवेलियों के पुनरुद्धार के लिए निवेशकों और विशेषज्ञों को आमन्त्रित करने के प्रयास किए जाए।उन्होंने बताया कि शेखावाटी क्षेत्र में करीब 500 हवेलियां है। कई ऐसी हवेलियां भी है जिनमें 100 से अधिक कमरे है। उन्होंने सुझाव दिया कि इन हवेलियों के संधारण में अक्षम मालिकों के समक्ष आकर्षक पैकेज रख इन हवेलियों को पुनर्जीवित करने के प्रस्ताव रखे जाने चाहिये। साथ ही लावारिस अथवा जीर्ण शीर्ण हवेलियों को स्थानीय निकायों द्वारा अधिग्रहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक विशेष नीति बनाई जानी चाहिए। इसके अलावा एक विशेष कोष की स्थापना कर पर्यटन विकास को बढ़ावा देना चाहिए।
गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के शेखावाटी अँचल के झुंझुनूं ,चूरु और बीकानेर जिले विशेष रूप से पुरानी हवेलियाँ एवं उनमें मौजूद फ़्रेस्को और एनी पेंटिंग एवं कलाकारी विश्व भर में अपनी विशिष्ट पहचान रखती है। विश्व के खूबसूरत कस्बों में जहां पहले नम्बर पर स्पेन के अलब्रेशियन क़स्बे का नाम आता हैं वही झुंझुनू जिले का मंडावा क़स्बे का नाम तीसवें स्थान पर हैं जहाँ प्रतिवर्ष करीब 50 हजार विदेशी पर्यटक आते हैं जो मंडावा की सुन्दर हवेलियों की सुन्दरता एवं छत और दीवारों की पेंटिंग्स, कलात्मक झरोखों एवं जालियों के बेजोड़ काम को अपने केमरे में बंद करते है। शेखावाटी क्षेत्र की इन पुरानी हवेलियों का अपना एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। स्थापत्य की बेजोड़ नमूना युक्त यह हवेलियों भारत की प्राचीन संस्कृति से रूबरू कराती है और सभी को देश एवं प्रदेश की गौरवशाली सभ्यता से भी जोड़ती है। इन भव्य हवेलियों में अद्भुत वास्तुकला एवं सुन्दर चित्रकारी देशी विदेशी पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है ।
गुप्ता ने अपने पत्र में लिखा है कि राजस्थान में मौजूद अनेक हेरिटेज महत्व के स्थान देश और दुनिया में मशहूर हैं तथा राजस्थान को एक ओपन आर्ट गैलेरी के रूप में पहचाना जाता है। वर्तमान में क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। साथ ही देशी और विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने तथा पर्यटन की दृष्टि से भी प्रदेश अव्वल स्थान रखता है। राजस्थान में जितने पर्यटक आते हैं उसमें आधे से अधिक शेखावाटी अंचल की प्राचीन हवेलियों को देखने जाते हैं। किसी भी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में पर्यटन व्यवसाय का महत्वपूर्ण योगदान होता है। पर्यटन अपने आप में एक बड़ा उद्योग हैं। देशी-विदेशी पर्यटकों के आने से देश और प्रदेश के राजस्व आय में वृद्धि होने के साथ ही हजारों लोगों को रोजगार भी प्राप्त होता है।
शेखावाटी क्षेत्र की तीनों निकाय झुंझुनूं, नवलगढ़ तथा मंडावा न केवल पर्यटन की दृष्टि से ख्याति प्राप्त है अपितु यहाँ के धार्मिक स्थल भी धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से बहुत बड़ा महत्व रखते है। सीकर जिले में खाटू श्याम जी मंदिर, चूरु में सालासर हनुमान जी मंदिर, झुंझुनूं में रानी सती दादी मंदिर में करोड़ों धर्म प्रेमियों एवं देशी पर्यटकों की गहरी आस्था है। इस इलाक़े से फिल्म निर्माताओं की भी गहरी रुचि हैं। यहाँ पूर्व में दो चर्चित फिल्मे भी बनी है जिनमें एक खाटूश्याम जी मंदिर पर "प्यारा श्याम धणी दातार" एवं दूसरी "जय जीणमाता" है। आने वाले समय में माँ राणी सती दादी के नाम से एक और फिल्म "मोटी सेठाणी" बनने जा रही है जो कि इन स्थानों की ख्याति एवं प्रचार प्रसार में विश्व स्तर पर अपना नाम करेगी।
*स्थानीय निकायों को हवेलियों का संरक्षण करना होगा अन्यथा न्यायालय के संज्ञान में लाया जायेगा : न्याय मित्र गुप्ता *
गुप्ता ने बताया कि राजस्थान की विश्व प्रसिद्ध हवेलियों के उचित संरक्षण के लिए माननीय न्यायालयों द्वारा झुंझुनूं, नवलगढ़ तथा मंडावा स्थानीय नगर निकायों को प्रमुखता से जिम्मेदारी सौंपी गई थी और इसमें किसी भी प्रकार की कोताही को माननीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना माना गया है । इस सम्बन्ध में तीनों निकायों के अधिकारियों को समय-समय पर निर्देशित भी किया गया है कि वे इन क्षेत्रों की जो भी हवेलियां जीर्ण शीर्ण हो रही है उनके संबंधित मालिकों को उनकी सुरक्षा के लिए पाबंद करें तथा जो हवेलियां क्षतिग्रस्त हो गई है उनकी रिपोर्ट माननीय न्यायालय में संज्ञान हेतु प्रेषित की जाए। इस संदर्भ में संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है कि हमारी ऐतिहासिक धरोहरों को सुरक्षित रखना परम आवश्यक है क्योंकि यह ऐतिहासिक धरोहरें आने वाली पीढ़ियों को यह याद दिलाती रहेगी कि राजस्थान और शेखावाटी क्षेत्र का इतिहास कितना समृद्धशाली और गौरवशाली रहा है।
गुप्ता ने इन स्थानीय निकायों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं शेखावाटी क्षेत्र की यह तीनों निकाय न केवल पर्यटक दृष्टि से ख्याति प्राप्त हैं अपितु धार्मिक दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण हैं इसलिए इस अँचल को स्वच्छ और सुन्दर रखनाभी उनका दायित्व हैं । हर अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी है कि वे प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी स्वच्छता अभियान को केवल कागजों एवं झूठे आंकड़ों तथा फोटो तक ही सीमित नहीं रखे बल्कि इस अभियान को धरातल पर उतार कर इसे हक़ीक़त का जाना पहनायें। उन्होंने तीनों निकायों को निर्देश दिये कि जिन स्थानीय निकायों ने अपनी रिपोर्ट अभी तक नहीं भेजी है वे तत्काल अपनी रिपोर्ट भेंजें अन्यथा मौका निरीक्षण कर माननीय न्यायालय एवं उच्च अधिकारियों को इस बारे में अवगत करवाया जाएगा । साथ ही इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गुप्ता ने रेखांकित किया कि पर्यटन अपने आप में एक बड़ा उद्योग हैं। देशी-विदेशी पर्यटकों के आने से देश और प्रदेश के राजस्व में कई गुणा वृद्धि होने के साथ ही हजारों लोगों को रोजगार भी प्राप्त होता है लेकिन इस हेतु यह भी ध्यान रखना अति आवश्यक है कि जहाँ-जहाँ गंदगी होती है वहां- वहां टूरिस्टों की संख्या बढ़ने के स्थान पर घट जाती है और अंततोगत्वा इसका नुक़सान स्थानीय लोगों के साथ ही प्रदेश और देश को होता हैं।