GMCH STORIES

अद्भुत भारत  : एक बानगी 

( Read 978 Times)

30 Sep 24
Share |
Print This Page

अद्भुत भारत  : एक बानगी 

भारत राष्ट्र अपनी विविधताओं के लिए विश्व में अलग और महती स्थान रखता है। यहाँ के विश्व प्रसिद्ध स्थल और प्रकृति की छटा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र तो हैं ही साथ ही  देशवासियों के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सन्दर्भों के लिए महत्वपूर्ण स्थल हैं। भारत की दार्शनिक पृष्ठभूमि और पौराणिक समृद्धता से सम्पन्न साहित्य इसकी गौरवशाली परम्परा और विकास को उजागर कर जिज्ञासु एवं अध्ययनार्थियों को संस्कृति और संस्कारों से साक्षात्कार कराता है। भारत के प्रत्येक राज्य की अपनी विशेषता है और वहाँ का अपना सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है।
इन्हीं सन्दर्भों को उभारती वरिष्ठ पर्यटन लेखक एवं राजस्थान सरकार में जनसम्पर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंघल की सद्य प्रकाशित छह पुस्तकों की श्रृंखला "अद्भुत भारत " क्रमशः पूर्व भारत, पश्चिम भारत, उत्तर भारत, दक्षिण भारत, मध्य भारत एवं पूर्वोत्तर भारत जो साहित्यागार प्रकाशन, धामाणी मार्केट की गली, चौड़ा रास्ता, जयपुर द्वारा वर्ष 2024 में प्रकाशित हुई हैं। 
"अद्भुत भारत " श्रृंखला की पहली पुस्तक 'पूर्व भारत ' में क्रमशः बिहार, झारखण्ड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल , द्वितीय पुस्तक ' पश्चिम भारत ' में क्रमशः राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात दादर - नगर हवेली और दमन - दीव, तीसरी पुस्तक ' उत्तर भारत ' में क्रमशः जम्मू - कश्मीर, लद्दाख, देवभूमि हिमाचल प्रदेश, चण्डीगढ़, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखण्ड देवताओं की भूमि, उत्तर प्रदेश, चौथी पुस्तक दक्षिणी भारत में कर्नाटक, मैसूर, श्रीरंगपट्टनम, बेंगलूर, केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, चेन्नई, लक्षदीप, अंडमान निकोबार, पडुचेरी, पाँचवीं पुस्तक ' पूर्वोत्तर भारत ' में क्रमशः अरुणाचल, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, छठी पुस्तक ' मध्य भारत ' में क्रमशः मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों के प्रमुखतया इतिहास, भूगोल, कृषि, अर्थव्यवस्था, संस्कृति - साहित्य, परिवहन और दर्शनीय स्थलों के बारे में सारगर्भित जानकारी दी गयी है। राज्य विशेष के अध्याय प्रारम्भ होने पर वहाँ की सांस्कृतिक आभा बिखेरता रेखांकन उसकी शैलीगत कला का रूप उजागर करता है जो सौन्दर्य भाव को जागृत करता है। प्रत्येक पुस्तक के अन्त में सम्बन्धित विवरण के प्रमुख सन्दर्भ उल्लेखित है जो पुस्तक के शोधात्मक स्वरूप को बनाये रखता है और अधिक जानकारी प्राप्त करने की राह खोलता है।
श्रृंखला की सभी छह पुस्तकों में उल्लेखित राज्यों के ऐतिहासिक परिपेक्ष्य को स्थापना से लेकर विकास के बढ़ते चरण तक तथ्यात्मक रूप से उभारा है। वहीं प्रमुख एवं विख्यात दर्शनीय स्थलों को उनकी विशेषता और स्थापत्य की दृष्टि से विश्लेषित किया है। यही नहीं आरम्भ में प्रत्येक राज्य की विशेषता, सांस्कृतिक परिवेश और प्रसिद्धि को ध्यान में रखकर उनको रेखाचित्रों के माध्यम से दिग्दर्शित किया है। साथ ही पुस्तकों के फ्लैप पर  पूर्व भारत, पश्चिम भारत, उत्तर भारत, दक्षिण भारत, मध्य भारत एवं पूर्वोत्तर भारत के बारे संक्षिप्त जानकारी देकर उन्हें परिचयात्मक रूप से विवेचित करते हुए भारत के राज्यों के बारे में सार्थक और सारगर्भित जानकारी दी गयी है, जो विद्यार्थियों, शोधार्थियों और पर्यटन प्रेमियों के साथ जिज्ञासु पाठकों लिए महत्वपूर्ण और संग्रहणीय है। इस माने भी कि इन सभी पुस्तकों में लेखक की ' अपनी बात ' और ' भारत का परिचय ' एक समान है जो किसी भी एक पुस्तक को पढ़ने पर भी समग्र रूप से पढ़ा जा कर सन्दर्भित किया जा सकता है। 'अपनी बात ' में लेखक ने भारत वर्ष के सांस्कृतिक सौन्दर्य और वैभव के साथ इसकी विविधता, विचित्रता और अनेकता में एकता से उत्कर्ष को विश्लेषित करते हुए भारत के अद्यतन विलक्षण गौरव को उजागर किया है।
अन्ततः यही कि अद्भुत भारत की यह श्रृंखला भारत और भारतीय संस्कृति और इतिहास की जानकारी ही नहीं देती वरन् पर्यटन की दृष्टि से स्थान विशेष की विशिष्टताओं को भी उजागर करती है। इस माने में भी कि यह सभी पुस्तकें  दिशानिर्देशन के लिए सन्दर्भ ग्रन्थ भी हैं।
 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like